नई दिल्ली: राज्य सभा के बाद लोकसभा में भी सोमवार को इंयोरेंस सेक्टर (बीमा क्षेत्र) में 74 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाला बीमा संशोध-2021 पारित हो गया है। राज्य सभा में यह विधेयक 18 मार्च को पारित हुआ था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया था। तब उन्होंने कहा था कि बीमा क्षेत्र में विदेश निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी जाएगी।
वित्त मंत्री के अनुसार एफडीआई बढ़ाना है समय की मांग
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाना समय की मांग है। वित्त मंत्री ने एफडीआई की सीमा बढ़ाने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों पर नियंत्रण के सवाल पर कहा कि बीमा कंपनियों के ज्यादातर डायरेक्टर्स और प्रबंधन के अहम पदों पर भारतीयों की ही नियुक्ति होगी।
सीतारमण ने इसको लेकर विपक्ष की अशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि एफडीआई की सीमा बढ़ाने का मतलब ये नहीं है कि यह निवेश ऑटोमेटिक रूट से होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बीमा कंपनियों को जरूरी मंजूरी लेनी होगी। सीतारमण ने कहा कि बीमा कंपनियों के मुनाफे का कुछ तय हिस्सा जनरल रिजर्व के तौर पर रखा जाएगा। इस बीच कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने के विरोध में संसद के निचले सदन का बहिष्कार किया।
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