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बाल दिवस 2021: ‘बच्चे करेंगे देश का भविष्य निर्धारित’- पंडित नेहरू

‘एक महान कार्य में लगन और कुशल पूर्वक काम करने पर भी, भले ही उसे तुरंत पहचान न मिले, अंततः सफल जरूर होता है।’ यह शब्द भारत के पहले प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हैं। वर्ष 1964 में जब जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु हुई थी, उसके बाद से उनके जन्मदिवस को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

बाल दिवस हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिवस जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस पर उनकी याद में मनाया जाता है। 14 नवंबर 1889 में पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। उन्हें बच्चे बेहद ही प्रिय थे। बच्चे  प्यार से उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे।

बाल दिवस

1959 में संयुक्‍त राष्‍ट्र ने बच्‍चों के अधिकारों को दी थी मान्‍यता 

बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और उनका जीवन बेहतर हो सके इसके लिए जवाहरलाल नेहरू हमेशा से ही अपनी आवाज उठाते थे। पंडित नेहरू अक्सर कहते थे कि ‘आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उन्हें लाएंगे, उससे देश का भविष्य निर्धारित होगा।’

वर्ष 1959 में जिस दिन संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा ने बच्‍चों के अधिकारों के घोषणापत्र को मान्‍यता दी थी, उसी दिन 20 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाने के रूप में चुना गया। 1989 में भी  इसी दिन बच्‍चों के अधिकारों के समझौते पर हस्‍ताक्षर भी हुए थे। जिसे 191 देशों ने पारित किया था। 

विश्‍वभर में अक्‍टूबर 1953 को सबसे पहले जिनेवा के इंटरनेशनल यूनियन फॉर चाइल्‍ड वेलफेयर के सहयोग से बाल दिवस मनाया गया था। दिवंगत श्री वी के कृष्‍ण मेनन का विचार था कि विश्‍वभर में बाल दिवस मनाया जाए। जिसे 1954 में संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा ने अपनाया था। 

बच्‍चों को शिक्षित नागरिकों के रूप में बढ़ने के अधिकार

सबसे पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र की महासभा ने बच्‍चों के बीच में विभिन्‍न आदान-प्रदान, उनकी आपसी समझ बढ़ाने के लिए, विश्‍व के बच्‍चों के कल्‍याण करने के लिए बेहतर कदम उठाने लिए और उसे बढ़ावा देने को प्रोत्‍साहित करने के लिए किया गया। बाल दिवस मनाने का उद्देश्य देश के बच्‍चों को स्‍वस्‍थ और शिक्षित नागरिकों के रूप में बढ़ने के अधिकार देना है।

Children’s Day का इंतजार बच्चे बेसब्री से करते है। यह दिन बच्चों को समर्पित किया जाता है। बाल दिवस पर सभी बच्चों को और खासतौर पर उन बच्चों को,जो गरीब और लाचार हैं, उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिले एवं बाल श्रम व बाल शोषण जैसे मुद्दों पर किया जाता है। इस दिन कार्यक्रम किए जाते हैं जिसमें बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्वस्थता, उनकी बेहतर शिक्षा, उनके बेहतर पोषण और संस्कार के बारे में भी चर्चाएं होती है।

बाल दिवस के मौके पर विद्यालयों में भाषण, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताएं की जाती है। कई विद्यालयों में नाटक और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन उन्हें काफी खास महसूस कराया जाता है। इस मौके पर कॉलेजों में अलग- अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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देश के भविष्य को बनाने में बच्चें हैं महत्वपूर्ण कारक

पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रुप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि नेहरु जी को बच्चों से बेहद लगाव था। नेहरू जी ने बच्चों में देश का भविष्य नजर आता था। उनका मानना था कि देश के भविष्य को बनाने में बच्चे एक महत्वपूर्ण कारक हैं। आईआईटी और आईआईएम जैसे बड़े संस्थानों की स्थापना भी नेहरू जी  द्वारा ही की गई थी।

बच्चे देश का भविष्य बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए हर बच्चे की शिक्षा की ओर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ बच्चों के रहन-सहन के स्तर ऊंचा हो, इसके लिए भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

ऐसे प्रयास करने की जरूरत है जिससे बच्चे निर्भीक, स्वस्थ और योग्य नागरिक बने। Children’s Day के अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा बच्चों के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की जाती है।

-सोनाली

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