30.1 C
New Delhi
July 27, 2024
विचार

नीति व नेतृत्व पर विश्वास की उत्तर प्रदेश सरकार

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार लखनऊ में दो दिनों का प्रवास किया। उनकी यात्रा आंतरिक सुरक्षा संबंधी कॉन्फ्रेंस से संबंधित थी। इसमें उन्होंने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये। इनका राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्व रहा। क्योंकि इसमें ऐसे अनेक मसले समाहित रहे जिनका संबंध अन्य देशों से भी है। इसके दृष्टिगत विश्व समुदाय को भी साझा प्रयास करने होंगे। नरेंद्र मोदी राजभवन में रुके थे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य लोगों से विचार विमर्श भी किया। नरेंद्र मोदी के साथ उनकी जुगलबंदी बेहतरीन डबल इंजन सरकार का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री के लखनऊ प्रवास का मुख्य विषय आंतरिक सुरक्षा था। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार का योगदान शानदार रहा है। उनका भूमाफिया विरोधी अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित है। अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाने और अवैध संपत्ति पर सरकारी कब्जे का ऐसा अभियान पहले नहीं देखा गया। नरेंद्र मोदी स्वयं अपने भाषणों में इसका उल्लेख करते हैं। लखनऊ में प्रधानमंत्री को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रविरोधी संगठनों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से भी अवगत कराया गया। यहां एटीएस और एसटीएफ शांति व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश रचने वालों को सबक सिखा रही है। उन पर नकेल कसी जा रही है। इसके साथ ही माफिया और भू माफियाओं के खिलाफ अभियान भी संचालित किया जा रहा है।

लखनऊ पहुंचने से ठीक पहले प्रधानमंत्री ने महोबा व झांसी में योगी आदित्यनाथ को कर्मयोगी बताया था। उनकी नीतियों व कार्यशैली की जमकर सराहना की थी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यपद्धति के कारण अर्जुन सहायक परियोजना वर्षों तक अधूरी पड़ी रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद इस परियोजना पर काम की गति बढ़ायी गई। आज यह बुंदेलखंड के लोगों को समर्पित की जा रही है। मसगांव चिल्ली स्प्रिंकलर योजना जैसी आधुनिक तकनीक का लोकार्पण, सिंचाई में आ रही आधुनिकता को दिखाता है। पहली बार बुंदेलखंड के लोग यहां के विकास के लिए कार्य करने वाली सरकार को देख रहे हैं। केन बेतवा लिंक से भविष्य में यहां के लाखों किसानों को लाभ होने वाला है।

उत्तर प्रदेश सरकार में बीते चार वर्षों के दौरान बुंदेलखंड की अनेक परियोजनाओं पर कार्य शुरू करवाया है। बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन के तहत तेजी से कार्य हो रहा है। विंध्य क्षेत्र में पाइप से हर घर में पानी पहुंचे, इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। डबल इंजन की सरकार ने स्कूल में बेटियों के लिए अलग टॉयलेट बनाए। उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक स्कूलों, हजारों आंगनबाड़ी केन्द्रों तक नल से जल पहुंचाया गया। गरीब का कल्याण ही सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे ही और इतनी तेजी से ही काम किया जा रहा है।

विगत वर्षों में बारह सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गईं। हर घर नल परियोजना को लागू किया गया। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का कार्य प्रगति पर है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस कार्यशैली से ही योगी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में चार दशकों की जापानी बुखार समस्या का समाधान किया हैं। चालीस वर्षों से कहर बनी इस बीमारी पर मात्र चार वर्षों में 95 प्रतिशत तक नियंत्रण स्थापित किया गया।

इसी कार्यशैली से बयालीस योजनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर पहुंच गया। पहले उत्तर प्रदेश पिछड़ा और बीमारू माना जाता था। अब विकास के कीर्तिमान कायम हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जरूरतमंदों को खाद्यान्न वितरण, आवास, शौचालय, निःशुल्क गैस कनेक्शन व विद्युत कनेक्शन, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इससे उन सभी का जीवन अब अधिक सुविधापूर्ण हो गया है। उत्तर प्रदेश में हाई-वे, एक्सप्रेस वे,डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर,डिफेंस कॉरिडोर के कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। खेती से जुड़े कार्याें को भी पूरी सतर्कता से जारी रखा गया।

बीज, खाद,उपज बेचने के उचित प्रबंध किये जाने से किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया। योगी सरकार ने विगत चार वर्षाें में किसानों से उनकी उपज के खरीद के हर साल नये रिकॉर्ड बनाये। गेहूं और धान की खरीद में इस साल पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुनी संख्या में किसानों से खरीद की गयी। उत्तर प्रदेश में अभी तक सत्रह लाख से अधिक ग्रामीण एवं शहरी परिवारों को पक्के घर,लाखों गरीब परिवारों को घर में ही शौचालय की सुविधा,लगभग डेढ़ करोड़ गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन एवं लाखों परिवारों को बिजली कनेक्शन दिये गये। उत्तर प्रदेश में हर घर नल पहुंचाने का कार्य भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। विगत दो सालों में सत्ताईस लाख ग्रामीण परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाया जा चुका है।

कोरोना के कारण बनी परिस्थितियों में रेहड़ी, ठेला लगाने वालों की आजीविका पटरी पर लाने के लिए स्वनिधि योजना के अंतर्गत बैंकों से जोड़ा गया। बहुत कम समय में ही योजना के दस लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। अपराधियों में भय, गरीबों को सताने और अवैध कब्जा करने वालों में डर पैदा हुआ है। उत्तर प्रदेश में सार्थक बदलाव की शुरुआत हुई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनता के हिस्से का एक एक पैसा जनता के खाते में पहुंचे। उत्तर प्रदेश निवेश का केंद्र बन रहा है। बड़ी कम्पनियां उत्तर प्रदेश में आना चाहती हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के मेगा प्रोजेक्ट बन रहे हैं। इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर निर्मित हो रहे हैं। देश के अस्सी करोड़ गरीब लोगों को पिछले एक साल से अधिक समय से निःशुल्क राशन मिल रहा है।

Also Read : क्या विमान हादसे में जिंदा बच गए थे नेता जी सुभाष चंद्र बोस ?

प्रशासनिक व राजनीतिक मोर्चे पर योगी ने नए आयाम बनाये हैं। इसके पहले कई दशक तक उत्तर प्रदेश की राजनीति जाति मजहब के समीकरण पर आधारित रही। मतदाताओं की आकांक्षा पूरी नहीं होती थी। सत्ता बदलती रही। व्यवस्था यथावत रही। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता के साथ ही व्यवस्था में बदलाव का लोगों को अनुभव कराया। बिना भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचने लगे। चंद वीआईपी क्षेत्रों की व्यवस्था को उन्होंने समाप्त किया। सबसे पहले तो सभी शहर ब्लाक व गांव स्तर तक बिजली आपूर्ति का समय निर्धारित किया। पहली बार गरीबों के खातों में शत प्रतिशत सहायता राशि का प्रेषण संभव हुआ।

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को जाति व मजहब के दायरे से बाहर निकाला। उन्होंने विकास को प्रमुख मुद्दा बनाया। विपक्षी दल इस मुद्दे से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए नकारात्मक राजनीति का सहारा लिया जा रहा है। पिछली सरकारों के दौरान राष्ट्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश की स्थिति दयनीय रहती थी।

आज पैंतालीस योजनाओं के सफलता पूर्वक क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। वस्तुतः योगी आदित्यनाथ ने कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की मिसाल कायम की है। उत्तर प्रदेश को विस्तृत भूमि प्रबन्धन प्रणाली के भारत सरकार का राष्ट्रीय ई गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार प्रदान किया गया था। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले छठवें स्थान पर थी। आज दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी है। पहले उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में चौदहवें स्थान पर था। स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ की नीति, नेतृत्व व कार्यशैली पर एक बार फिर विश्वास व्यक्त किया है।


डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

Related posts

चाबहार रेल परियोजनाः मसला हल करने की जरूरत

Buland Dustak

महादेवी वर्मा : हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती

Buland Dustak

क्यों बौद्ध देशों के सैलानी जाते हैं भारत की बजाय थाईलैंड

Buland Dustak

भारतीय चेतना विश्व पृथ्वी दिवस के सम्मान की वास्तविक हकदार

Buland Dustak

भारत-चीन विवाद: क्या महंगी पड़ेगी इसबार चीन की छेड़खानी

Buland Dustak

अर्थव्यवस्था: कोरोना के चलते मध्यम वर्ग पर दिवाली की चौतरफा मार

Buland Dustak