37.9 C
New Delhi
April 25, 2024
देश

लेह, लद्दाख की लाइफलाइन बनेगी ‘अटल सुरंग’ : पीएम मोदी

- अटल टनल का काम हमने 6 साल में पूरा किया, वरना लगते 26 साल
- सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अटल सुरंग सभी मौसम में खुली रहेगी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में स्थित 9.02 किलोमीटर लंबी ‘अटल सुरंग’ का लोकार्पण किया। इस सुरंग की वजह से मनाली और लाहौल स्फीति घाटी के लोग साल भर एक-दूसरे से जुड़े रह सकेंगे। उद्घाटन के बाद समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह टनल हिमाचल प्रदेश के साथ नए केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए लाइफलाइन बनने वाली है। इससे हिमाचल प्रदेश और लेह-लद्दाख के साथ पूरा देश जुड़ गया है। अब लेह-लद्दाख के किसानों, बागवानी करने वाले युवाओं के लिए देश की राजधानी और दूसरे बाजारों में पहुंच आसान हो जाएगी। 

अटल सुरंग

उन्होंने इस टनल को तैयार करने वाले जवानों, इंजीनियर, सभी मजदूरों को नमन करते हुए कहा कि बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गई है। सड़क बनाने का काम हो, पुल बनाने का काम हो, सुरंग बनाने का काम हो, इतने बड़े स्तर पर देश में पहले कभी काम नहीं हुआ। इसका बहुत बड़ा लाभ सामान्य जनों के साथ ही हमारे फौजी भाई-बहनों को भी हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं। देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं। लेकिन देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया।

सुस्त गति से काम होता रहता तो 2040 में बन कर तैयार होती सुरंग 

उन्होंने कहा कि जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है। अटल सुरंग के काम में भी 2014 के बाद अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा यह हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया। देरी से नुकसान देश का होता है। आज इस टनल के निर्माण पर 3200 करोड़ रुपये खर्च हुए, अगर इसमें और देरी होती तो यह खर्च कई गुना बढ़ जाता।

पीएम मोदी ने बीआरओ को सुझाव दिया कि टनल के निर्माण में लगे 1000 से 1500 लोगों के अनुभवों का डॉक्यूमेंटेशन किया जाए। इस डॉक्यूमेंटेशन में मानवीय पहलुओं को उजागर किया जाए। पिछले कई सालों से इस योजना में जुटे लोगों को चिन्हित कर उनसे 5-6 पेज में उनके अनुभवों को सहेजा जाए।

अटल सुरंग के निर्माण के मानवीय पहलुओं का हो डॉक्यूमेंटेशन

वहीं उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को कहा कि इस टनल के निर्माण पर केस स्टडी तैयार किए जाएं जिसमें तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों को शामिल किया जाए। प्रत्येक वर्ष छात्रों को इस काम के बारे में जानकारी देने के लिए उन्हें यहां भेजा जाए। उन्होंने कहा कि दुनिया को भी इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। दुनिया के विश्वविद्यालय को भी इस योजना को देखने के लिए बुलाना चाहिए। ताकि उन्हें भी देश की ताकत से परिचय हो, कैसे सीमित संसाधनों से अद्भुत काम हुआ है।

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि यह सुरंग उन स्थानीय नागरिकों को समर्पित है जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी इसके निर्माण में अपना बड़ा योगदान दिया है। साथ ही ‘सीमा सड़क संगठन’ के अधिकारियों और युवाओं को, जिन्होंने राष्ट्र को जोड़ने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। यह टनल स्थानीय लोगों को साल भर कनेक्टिविटी प्रदान कर रोजगार आदि के असीमित अवसर प्रदान करेगी। हमारे कुल्लू क्षेत्र के जनजातीय भाई-बहन दस्तकारी की कला में अद्भुत हैं। अब वह पूरे साल कभी भी ऊपर क्षेत्रों में जाकर अपना व्यापार बढ़ा सकते हैं।

यह भी पढ़ें: ​अटल सुरंग का उद्घाटन ​3 अक्टूबर को करेंगे प्रधानमंत्री ​​

Related posts

पर्यटन मंत्री ने Go First Airlines Service का किया शुभारंभ

Buland Dustak

वेंकैया ने राज्यसभा के नवनिर्वाचित 45 सदस्यों को दिलाई शपथ

Buland Dustak

सेना भर्ती घोटाला: 6 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 17 अफसरों पर FIR

Buland Dustak

भारी बारिश से मुंबई में अस्त-व्यस्त, सड़क और रेल यातायात पर असर

Buland Dustak

सुखदेव सिंह लाल किला हिंसा का आरोपित चंडीगढ़ से गिरफ्तार

Buland Dustak

PM ने स्टार्टअप इंडिया के लिए की एक हजार करोड़ के सीड फंड की घोषणा

Buland Dustak