- नौसेना के अंडमान बेस पर कई घंटे लॉजिस्टिक्स और रिफ्यूलिंग सपोर्ट के लिए रुका - मिसाइलों और राकेट्स से लैस था अमेरिकी नौसेना का विमान पी-8 पोसाइडन
अमेरिकी एयरक्राफ्ट: भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों के चलते अब यूएस नौसेना के पेट्रोलिंग जहाजों ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से ईंधन भरना शुरू कर दिया है। अमेरिकी नौसेना का एयरक्राफ्ट पी-8 पोसाइडन 25 सितम्बर को लॉजिस्टिक्स और रिफ्यूलिंग सपोर्ट के लिए भारतीय नौसेना के पोर्ट ब्लेयर बेस पर उतरा। मिसाइलों और राकेट्स से लैस यह विमान कई घंटे तक यहां रहा और अपनी जरूरतें पूरी करने के बाद आगे के सफर पर निकल पड़ा।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि 2016 में भारत और अमेरिका के बीच (लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ अग्रीमेंट-लेमोआ) पर समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देश की तीनों सेनाएं मरम्मत और सेवा से जुड़ी अन्य जरूरतों के लिए एक दूसरे के अड्डे का इस्तेमाल कर रही हैं। अभी पिछले माह भारत का जंगी जहाज आईएनएस तलवार मिशन पर तैनात था और उसे ईंधन की जरूरत पड़ी तो इसी लेमोआ समझौते के तहत अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर यूएसएनए यूकोन से ईंधन लिया था।
समझौते के तहत भारतीय जंगी जहाज और एयरक्राफ्ट्स अमेरिकी बेस जिबूती, डिएगो ग्रेसिया, गुआम और स्यूबिक बे पर आते-जाते हैं। दोनों देश एक-दूसरे के जंगी जहाजों पर रिफ्यूलिंग और ऑपरेशनल सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। मगर यह पहली बार है जब अंडमान निकोबार बेस पर अमेरिकी सेना का जहाज उतरा हो। चीन से जुड़ी समुद्री सीमा पर भारतीय नौसेना की अंडमान-निकोबार कमांड (एएनसी) 2001 में बनाई गई थी। यह देश की पहली और इकलौती कमांड है, जो एक ही ऑपरेशनल कमांडर के अधीन जमीन, समुद्र और एयर फोर्स के साथ काम करती है।
पोर्ट ब्लेयर पर भारतीय नौसेना के हवाई स्टेशन पर अमेरिका के पेट्रोलिंग जहाज का उतरना काफी अहम
यहां आईएनएस उत्क्रोश भारतीय नौसेना का हवाई स्टेशन है। यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर पर नौसेना के बेस आईएनएस जारवा के पास स्थित है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर पर भारतीय नौसेना के हवाई स्टेशन पर अमेरिका के पेट्रोलिंग जहाज का उतरना काफी अहम है। यहां अमेरिकी नौसेना का मिसाइलों और राकेट्स से लैस एयरक्राफ्ट पी-8 पोसाइडन लॉजिस्टिक्स और रिफ्यूलिंग सपोर्ट के लिए उतरा।
भारत के पास भी 8 अमेरिकी पी-8आई एयरक्राफ्ट्स हैं जिन्हें हिन्द महासागर में सर्विलांस के अलावा पूर्वी लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पर नजर रखने के लिए भी तैनात किया गया है। यह 8 एयरक्राफ्ट जनवरी 2009 में 2.1 बिलियन डॉलर में हुई डील के तहत मिले थे। चार और पी-8आई एयरक्राफ्ट की डील जुलाई 2016 में 1.1 बिलियन डॉलर की हुई है जिनकी आपूर्ति इस साल दिसम्बर तक होने की उम्मीद है।
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