18.1 C
New Delhi
December 7, 2024
देश

​हजीरा प्लांट में तैयार हुआ 91वां अत्याधुनिक K9 वज्र Tank

- गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाकर ​कॉम्प्लेक्स से ​​K9 Tank को रवाना किया

K9 Tank: प्रधानमंत्री​ नरेन्द्र मोदी का गृह राज्य गुजरात ​भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्षम बनता जा रहा है। ​सूरत के हजीरा में एलएंडटी आर्मर्ड सिस्टम ​​कॉम्प्लेक्स ​में ​​अत्याधुनिक ​​K9 Tank बनाए जा रहे हैं। ​यह ऑटोमेटिक टैंक ​बोफोर्स टैंक से भी ​अत्याधुनिक हैं​। ​​फैक्टरी ​में ​​बनाए गए 91वें टैंक को रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाकर ​कॉम्प्लेक्स से ​​रवाना किया​​​​।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में 19 जनवरी, 2019 को गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो आर्म्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था। इस दौरान ​​प्रधानमंत्री ने इस ​​प्लांट में सेना के लिए तैयार किया गया पहला शक्तिशाली k9 tank ​​देश को समर्पित किया​ था​।

इसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने इस टैंक की सवारी कर इसका जायजा भी लिया। सूरत के हजीरा एलएंडटी प्लांट में तैयार ​किये जा रहे k9 tank काफी एडवांस है, जिसे ‘टैंक सेल्फ प्रोपेल्ड होवरक्राफ्ट गन’ भी कहते हैं। टैंक की खासिय​तों ने बोफोर्स टैंक को भी पीछे छोड़ ​दिया है। बोफोर्स टैंक की तोप एक्शन में आने से पहले पीछे जाती है लेकिन K9 वज्र टैंक ऑटोमेटिक है। 

K9 टैंक

प्लांट में तैयार किया गया पहला टैंक ​प्रधानमंत्री मोदी ने ​देश को किया था समर्पित  

रक्षा मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 2017 में के-9 वज्र-टी 155मिमी/52 कैलिबर तोपों की 100 यूनिट आपूर्ति के लिए 4 हजार 500 करोड़ रुपये का करार दक्षिण कोरिया से किया था, जिनमें से 10 पूरी तरह से तैयार हालत में ​मिले ​हैं। बाकी 90 ​टैंक ​’मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो कंपनी हजीरा प्लांट में तैयार कर रही है, जिसमें से अब तक ​9​1 ​टैंक तैयार किये जा चुके हैं​। ​​​​एलएंडटी साउथ कोरिया की हानवा टेकविन के साथ मिलकर यह टैंक बना रही है।

इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई ​5​0 प्रतिशत से ज्यादा सामग्री स्वदेशी है। ​16 जनवरी​, 2020 को ​​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​51वें k9 tank को हजीरा में हरी झंडी दिखाई थी और इसे नवम्बर 2018 में सेना में शामिल किया गया था। के-9 वज्र दक्षिण कोरियाई सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे के-9 थंडर जैसे हैं। ​​फैक्टरी ​में ​​बनाए गए 91वें टैंक को रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाकर ​कॉम्प्लेक्स से ​​रवाना किया​​​​।  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​51वें ​K9 वज्र टैंक को हजीरा में दिखाई थी हरी झंडी

इससे पहले आखिरी बार 1986 में भारतीय सेना में बोफोर्स तोप को शामिल किया गया था। इसके बाद सेना में शामिल होने वाली दूसरी तोप दक्षिण कोरिया की 155 एमएम कैलिबर के-9 व्रज है, जिसको एक बख्तरबंद गाड़ी पर माउंट किया गया है। यह तोप रेगिस्तान और सड़क दोनों जगह पर 60 से 70 किलोमीटर की स्पीड से चलते हुए यह तोप दुश्मनों पर गोले बरसाने के बाद तेजी से अपनी लोकेशन को चेंज करने की क्षमता रखती है।

के-9 व्रज को राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में पांच अलग-अलग रेजिमेंट में तैनात किया जाएगा। के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी वाले इस एक टैंक का वजन 47 टन है, जो 47 किलो के गोले 43 किमी की दूरी तक दाग सकता है। यह स्वचालित तोप शून्य त्रिज्या पर भी घूम सकती है।

डायरेक्ट फायरिंग में एक किमी दूरी पर बने दुश्मन के बंकर और टैंकों को भी तबाह करने में सक्षम है। किसी भी मौसम में काम करेगा। लंबाई 12 मीटर है और ऊंचाई 2.73 मीटर है। इस टैंक में चालक के साथ पांच लोग सवार हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें: सस्ते होंगे एनबीएफसी (NBFC’s) के होम और कंज्यूमर लोन

Related posts

कोरोना के लिए जायडस कैडिला की नई दवा को मिली मंजूरी, Virafin 91% प्रभावी

Buland Dustak

7 देशों के साथ ‘Blue Flag Exercise’ में हिस्सा लेकर भारत लौटी वायुसेना की टीम

Buland Dustak

अब LAC से हटेंगे भारत-चीन के सैन्य हथियार

Buland Dustak

कोकोपीट खाद की तकनीक अपनाएं गन्ना किसान, बदलेगी किस्मत

Buland Dustak

टीकाकरण शुरू करने के लिए 2 जनवरी को सभी राज्यों में होगा ड्राई रन

Buland Dustak

गुलाम नबी आजाद: वरिष्ठ कांग्रेस नेता का अब तक का सियासी सफर

Buland Dustak