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April 19, 2024
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Great Conjuction : गुरु-शनि का महामिलन, 400 साल बाद दिखेगा अद्भुत नजारा

Great Conjuction : साल की विदाई बेला में सोमवार, 21 दिसम्बर को साल का सबसे छोटी अवधि का दिन और सबसे लम्बी अवधि की रात वाले दिन आसमान में खगोल विज्ञान की एक घटना बड़ी घटना जा रही है। साल की सबसे लंबी रात की शुरुआत होते ही सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर (गुरु) और रिंग वाला विशालकाय ग्रह सेटर्न (शनि) एक-दूसरे में समाये से दिखेंगे। सूर्य की परिक्रमा करते हुए लगभग 20 साल में ये दोनों ग्रह समीप तो आते दिखते हैं लेकिन इतनी अधिक नजदीकियां 400 साल बाद दिखाई देंगी।

भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने रविवार को बताया कि गुरु-शनि के इस महामिलन को Great Conjuction कहते हैं। इससे पहले यह खगोलीय घटना 400 साल पूर्व वर्ष 1623 में हुई थी, तब गुरु-शनि इतने करीब आए थे। इससे पहले वर्ष 1226 में दोनों ग्रहों की इतनी नजदीकियां देखी गई थीं।

विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि Great Conjuction की इस घटना के समय जुपिटर की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट होगी, जबकि सेटर्न की दूरी 10.825 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट होगी। इस तरह मिलते जरूर दिखेंगे, लेकिन ये ग्रह वास्तव में एक-दूसरे से 73 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूरी पर होंगे। इन ग्रेट कंजक्शन के समय इनके बीच की दूरी 73 करोड़ 38 लाख 60 हजार 864 किमी रहेगी, लेकिन पृथ्वी से यह दोनों गृह एक-दूसरे में समाये हुए दिखाई देंगे। यानी आसमान में गुरु और शनि का महामिलन होते हम देख सकेंगे।

इस Great Conjuction को कैसे देखें

सारिका ने बताया कि सोमवार को शाम 5 बजे के आसपास किसी बड़ी इमारत से दूर किसी खुले स्थान पर पहुंच जाएं, जहां से दक्षिण-पश्चिम में डूबता सूर्य दिख रहा हो। यह वही स्थान होगा जहां कुछ देर बाद आप इस मिलन को देख पाएंगे। अंधेरा होते ही सूर्यअस्त के स्थन पर आप ग्रहों की जोड़ी को देखेंगे, जिसमें ज्यादा चमकता ग्रह जुपिटर होगा और उसके बाईं ओर कुछ ऊपर शनि होगा। कुछ देर बाद दोनों ग्रह पास आते जाएंगे और एक-दूसरे में समाते हुए दिखाई देंगे। 

सारिका ने बताया कि अगर आपके पास अच्छी बाइनाकुलर या टेलिस्कोप है तब आप जुपिटर के चार बड़े चंद्रमा और सेटर्न के रिंग को भी देख पायेंगे। इस आकाश में होने वाले मधुरमिलन को देखने से चूकिए मत और 400 साल के अंतराल में होने वाली इस खगोलीय घटना का लुत्फ उठाइये, क्योंकि अब इन दोनों ग्रहों के बीच इतनी नजदीकी के लिए 15 मार्च 2080 का इंतजार करना होगा।

Great Conjuction

गुरु को क्यों कहा जाता है महाग्रह

सारिका ने बताया कि जुपिटर पृथ्वी से लगभग 300 गुना अधिक द्रव्यमान है और उसका डायमीटर (व्यास) 14 हजार किलोमीटर है, जो कि पृथ्वी के डायमीटर की तुलना में लगभग 11 गुना अधिक है। जुपिटर पर दिखने वाला ग्रेट रेड स्पॉट ही पृथ्वी के डायमीटर से बड़ा है। सौरमंडल के सभी ग्रहों को इक्कठा मिला दें तो भी उनके द्रव्यमान से जुपिटर का द्रव्यमान लगभग ढाई गुना अधिक है।

इन सबके बाद भी वह सिर्फ 10 घंटे में अपने अक्ष पर एक रोटेशन कर लेता है। उन्होंने बताया कि जुपिटर के 79 मून खोजे जा चुके हैं, जिनमें से 53 का नामकरण किया जा चुका है तथा 26 को नाम दिया जाना बाकी है। वहीं, सेटर्न के 82 मून खोजे गये हैं जिनमें से 53 का नामकरण हो चुका है तथा 29 का होना बाकी है।

21 दिसम्बर को सबसे छोटा दिन और रात सबसे लम्बी

सारिका ने बताया कि सोमवार, 21 दिसम्बर को साल का सबसे छोटा दिन होता है। इस दिन सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच की अवधि 10 घंटे 42 मिनट होती है। इसी आधार पर इस दिन रात की अवधि सबसे लम्बी करीब 13 घंटे 17 मिनट की रहती है। भोपाल में सोमवार को सूर्योदय 6.57 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त 5.39 बजे। इस हिसाब से यहां दिन की अवधि 10 घंटे 42 मिनट रहेगी।

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