15.1 C
New Delhi
January 17, 2025
देश

कोरोना काल में 74 फीसदी महिलाएं आर्थिक कारणों से हुई प्रभावित

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण ने लोगों के स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि उनके जीवन पर भी असर डाला है। खासकर महिलाओं के जीवन में कोरोना ने आर्थिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, परिवहन, पर्यावरण, पारिवारिक ऱिश्तों को प्रभावित किया। कोरोना काल में महिलाओं पर किये गए सर्वे के नतीजे अब राष्ट्र सेविका समिति ने उजागर किये हैं जिसके नतीजों के अनुसार कोरोना काल में 74 फीसदी महिलाएं आर्थिक रूप से प्रभावित हुईं। महिलाओं के सामने चुनौतियां तो आईं लेकिन कई महिलाओं ने इस आपदा को अवसर में बदला। 

कोरोना काल

– राष्ट्र सेविका समिति ने कोरोना काल में महिलाओं की जीवनशैली पर किया सर्वेक्षण 

समिति ने लॉकडाउन के दौरान यानि 25 जून से लेकर 4 जुलाई तक देश भर की महिलाओं से सवाल पूछे। यह सर्वे 28 राज्यों के 567 जिलों में 17000 महिलाओं के बीच किया गया। अखिल भारतीय तरुणी प्रमुख भाग्य श्री साठे ने बताया कि 17 हजार महिलाओं से बात चीत पर आधारित यह सर्वे उनके जीवन के अनोखे पहलुओं को उजागर करता है। इस सर्वे की रिपोर्ट पर आधारित एक किताब तैयार की गई है जिसका विमोचन मंगलवार को किया गया है। उन्होंने बताया कि कई महिलाओं ने इस आपदा को अवसर में बदला, कुछ महिलाओं ने मास्क बनाने का काम शुरू दिया तो कुछ महिलाओं ने बचत से अपना घर संभाला।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान किया गया यह सर्वें भारत के सभी प्रांतों में महिलाओं की समस्याओं और उनकी संकल्प शक्ति, विषम परिस्थियों से धैर्य और संयम के साथ निपटने की उनकी सूझबूझ का परिचय भी देता है। राष्ट्र सेविका समिति ने सर्वेक्षण की रिपोर्ट केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी को सौंपी हैं। इस सर्वे में कई बातें सामने आईं जैसे युवा वर्ग ने पैसा बचाने की पारपंरिक जीवन शैली के बारे में सीखा, कोरोना काल के समय में पूरे परिवार के साथ रहने का मौका मिला, लोग वापस अपनी संस्कृति से जुड़े, लोगों ने योग, प्राणायाम कर व्यवस्थित दिनचर्या जीने का प्रयास किया। 

– समिति ने रिपोर्ट केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी को सौंपी 

इसी तरह मध्यम वर्ग की महिलाओं को राशन, दवाई, किराए, कपड़े, बच्चों की फीस और परिवहन को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ा। युवतियों को स्वास्थ्य खास कर मासिक धर्म के समय और पढ़ाई को लेकर बहुत दिक्कतें झेलनी पड़ीं। उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ा। अपने परिवारों में भी किसी से वे अपनी समस्याएं साझा नहीं कर पायीं। पढ़ाई चूंकि ऑनलाइन हो गयी थी, इसलिए सबके पास न तो स्मार्ट फोन थे न लैप टॉप न कंप्यूटर।

शिक्षा को लेकर युवतियां बहुत तनाव में आ गयीं थीं। एक परिवार ने तो ऑनलाइन क्लास के लिए अपनी तीन बकरियां बेच कर स्मार्ट फोन खरीदा। उच्च संपन्न वर्ग की महिलाओं को आर्थिक, परिवहन आदि की परेशानी तो नहीं हुईं लेकिन घर के कामकाज को लेकर लॉकडाउन में बहुत परेशानी हुई। काम वाली बाई के नहीं आने के कारण उन्होंने खुद ही घर का काम किय़ा। इसी दौरान महिलाओं ने नए कौशल सीखे जैसे मास्क बनाना, बागवानी करना आदि। 

यह भी पढ़ें: 1 अप्रैल से 45 से ऊपर सभी को लगेगी कोरोना वैक्सीन: प्रकाश जावड़ेकर

Related posts

प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीबों में जगा खुद के घर का विश्वास

Buland Dustak

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुरू किया ‘आजादी का अमृत महोत्सव’

Buland Dustak

निर्भया की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा लड़ेंगी हाथरस केस

Buland Dustak

चीन के खिलाफ भारत का बड़ा कदम, बॉर्डर पर भेजे 50 हजार और सैनिक

Buland Dustak

बजट-2021: वर्क फ्रॉम होम पर मिल सकती है टैक्‍स में राहत

Buland Dustak

मणिपुर में लंबे समय बाद आया है शांतिकालः अमित शाह

Buland Dustak