जानी-मानी गायिका कविता कृष्णमूर्ति आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। अपने 50 साल से ज्यादा लंबे कैरियर में उन्होंने हर तरह के गीत गाकर श्रोताओं के दिलों में खास जगह बनाई है।
कविता कृष्णमूर्ति का जन्म 25 जनवरी,1958 को दिल्ली में हुआ था। कविता को बचपन से गाने का शौक था। उनकी संगीत की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई। बचपन से ही उनकी आंटी उन्हें संगीत सिखाती थी। इसके साथ ही कविता बचपन से ही रेडियो पर मन्ना डे और लता मंगेशकर के गाने सुनती थी। आठ साल की उम्र में कविता ने एक संगीत प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में वह प्रथम पुरस्कार विजेता रही।
कविता ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और यही से वो काम भी तलाशने लगीं। इस दौरान कविता कृष्णमूर्ति की मुलाकात उस समय के मशहूर सिंगर व कम्पोजर हेमंत कुमार की बेटी रानू मुखर्जी से हुई। रानू मुखर्जी ने उन्हें पिता हेमंत कुमार से मिलवाया। हालांकि इससे पहले कविता हेमंत कुमार से मिल चुकी थी, लेकिन इस बार जब वह उनसे मिली तो हेमंत कुमार उनसे काफी प्रभावित हुए।
बतौर सिंगर साल 1971 में कविता को बंगाली फिल्म श्रीमान पृथ्वीराज में स्वर कोकिला लता मंगेशकर के साथ गाना गाने का मौका मिला। उसके बाद कविता को फिल्म कादम्बरी में गाना गाने का मौका मिला। इस फिल्म में उन्होंने ‘आएगा आनेवाला’ गाना गाया था। साल 1980 में कविता कृष्णमूर्ति ने अपना गाना काहे को ब्याही (मांग भरो सजना) गाया। हालांकि गाने को फिल्म में नहीं लिया गया। इसके बाद कविता ने कई फिल्मों में गाने गाये लेकिन उन्हें साल 1985 में रिलीज हुई फिल्म प्यार झुकता नहीं से बतौर सिंगर के रूप में बॉलीवुड में खास पहचान मिली।
इस फिल्म में उनका गाया गाना ‘तुमसे मिलकर ना जाने क्यों’ सुपरहिट हुआ और इस गाने ने उन्हें सफलता की उंचाइयों पर पहुंचा दिया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई हिट गाने गाये जिनमें ना जइयो प्रदेस(कर्मा), ऐ वतन तेरे लिए (कर्मा), कहता है सिन्दूर तेरा( सदा सुहागन), करते है हम प्यार(मिस्टर इंडिया), बड़े घर की बेटी के नखरे (बड़े घर की बेटी), तेरा बीमार मेरा दिल (चालबाज), मेरे दो अनमोल रत्न( राम -लखन), तू मुझे कबूल (खुदा गवाह), ढोली तारो( हम दिल दे चुके सनम), मैया यशोदा (हम साथ -साथ है) आदि शामिल हैं।
कविता कृष्णमूर्ति को चार बार बेस्ट सिंगर का फिल्मफेयर का अवॉर्ड मिला। 1942 ए लव स्टोरी, याराना, खामोशी, देवदास के लिए कविता को ये अवॉर्ड दिया गया। साल 2005 में कविता कृष्णमूर्ति पद्मश्री से सम्मानित हुईं।
कविता कृष्णमूर्ति की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने 1999 में वायलिनिस्ट एल सुब्रमण्यम से शादी की। सुब्रमण्यम पहले से शादीशुदा थे, हालांकि उनकी पत्नी का निधन हो चुका था। जब सुब्रमण्यम ने शादी के लिए प्रपोज किया तो कविता ने तुरंत हां कह दिया। सुब्रमण्यम की पहली शादी से 4 बच्चे हैं। वहीं कविता के कोई बच्चा नहीं है। उन्होंने अपने पति के साथ संगीत संस्थान शुरू किया था, जिसका नाम ‘सुब्रह्मण्यम एकेडमी ऑफ परफॉर्मिग आर्ट्स’ है। वह अपना एक एप भी लॉन्च कर चुकी हैं। कविता फिलहाल फिल्मों में कम ही गाती हैं लेकिन उनके शोज पूरी दुनिया में होते हैं।
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