15.1 C
New Delhi
February 13, 2025
एजुकेशन/करियर

भारत पहला देश जो स्कूली शिक्षा से सिखाएगा Artificial Intelligence

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि भारत दुनिया का पहला देश होगा जो स्कूली शिक्षा से Artificial Intelligence सिखाएगा। रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘नई शिक्षा नीति-2020 तथा स्वामी विवेकानंद के शिक्षा संबंधी विचार’ विषय पर आयोजित वेबिनार को केंद्रीय मंत्री निशंक ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत को शैक्षणिक केंद्र बनाने के स्वामी विवेकानंद के स्वप्न को साकार करेगी।

Artificial Intelligence

उन्होंने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण के इस युग में आंकड़ों से सूचना, सूचना से ज्ञान और ज्ञान से समाधान इन तीन बिन्दुओं को लेकर हम चल रहे हैं। नई शिक्षा नीति में सीखने और सिखाने की प्रक्रिया के रोड मैप का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान प्राप्ति और चरित्र निर्माण के साथ इसमें केवल सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को नहीं बढ़ाएंगे बल्कि मशीनी लर्निंग से Artificial Intelligence भी सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर के पाठ्यक्रम में Artificial Intelligence को शामिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा।

निंशक ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा, “आचार्य देवो भव: की सोच वाले समाज में विवेकानंद के अलावा अरविंदो, रवींद्र नाथ टैगोर, महात्मा गांधी, डॉ राधाकृष्णन जैसे अनेक विचारकों ने शिक्षा के संबंध में अपनी एक परिकल्पना दी है और इन सभी परिकल्पनाओं का संगम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति है।”

Read More: जेईई मेन-2021 के मार्च सत्र के परिणाम में 13 उम्मीदवारों ने 100 परसेंटाइल किया स्कोर

स्कूल स्तर के पाठ्यक्रम में Artificial Intelligence को शामिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद चाहते थे कि भारतीय युवा विदेशी नियंत्रण से मुक्त होकर, हमारे अपने ज्ञान की विभिन्न शाखाओं का अध्ययन करें तथा इसके साथ अंग्रेजी भाषा एवं पश्चिमी विज्ञान का भी अध्ययन करें। नई शिक्षा नीति उनके इस विचार को सम्मिलित करते हुए ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने तथा पुनः विश्वगुरु के गौरव को प्राप्त करने के लिए तत्पर है।

इसके अलावा निशंक ने नई शिक्षा नीति में स्टडी इन इंडिया, शिक्षा में तकनीकी का एकीकरण, इंटर्नशिप, वोकेशनल ट्रेनिंग आधारित शिक्षा, भारतीय भाषाओँ में शिक्षा, क्षमता निर्माण, चरित्र निर्माण, राष्ट्र निर्माण जैसे प्रावधानों के बारे में भी बताया और कहा कि इन सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हम सदैव स्वामीजी के सिद्धांतों का अनुसरण करेंगे और उनसे प्रेरणा लेते रहेंगे।

स्वामी सुविरानंद, स्वामी आत्मप्रियानंद, स्वामी सर्वोत्तमानंद, स्वामी कीर्तिप्रदानंद एवं रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, डीम्ड यूनिवर्सिटी से संबंधित अन्य संत समुदाय, कर्मचारीगण, शिक्षकगण, अभिभावक और छात्र भी इस वेबिनार से जुड़े और स्वामी विवेकानंद के शैक्षणिक विचारों तथा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में चर्चा की।

Related posts

CSAT को सिविल सेवा परीक्षा से अभी हटाने की कोई योजना नहीं

Buland Dustak

आईआईटी कानपुर ने National Centre for geodesy का किया शुभारंभ

Buland Dustak

डिजिटल भाषा प्रयोगशाला का केंद्रीय विद्यालय में किया गया उद्घाटन

Buland Dustak

नई शिक्षा नीति में मूलभूत बदलाव पर डीटीए ने नाराजगी जताई

Buland Dustak

नई शिक्षा नीति बच्चों को आर्टिफिशियल से इफेक्टिव इंटेलिजेंस की ओर ले जाएगी

Buland Dustak

IGNOU ने CGAS में लॉन्च किया सर्टिफिकेट कोर्स

Buland Dustak