11.1 C
New Delhi
December 8, 2024
राज्य

योगी सरकार के 4 साल: निवेश के क्षेत्र में दिखाया कमाल, यूपी की बनाई नई पहचान

यूपी की योगी सरकार 19 मार्च को अपने चार साल पूरे कर रही है। इस दौरान निवेश के क्षेत्र में किए कार्यों पर नजर डालें तो सरकार ने विभिन्न चुनौतियों का सामने करते हुए कई अहम उपलब्धियां हासिल की है। 

इज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे पायदान पर पहुंचकर दिखाया दमखम

वर्तमान यूपी की योगी सरकार से पहले इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश का 14वां स्थान था। वहीं 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निवेश को बढ़ाने के लिए काफी तेजी से काम किया गया। निवेश प्रक्रिया को सरल बनाया गया। उद्यमियों की समस्याओं को प्राथमिकता पर समाधान किया गया। इसकी बदौलत उप्र इज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

यूपी योगी सरकार
यूपी योगी सरकार

कोरोना काल में ही 52,000 के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त

सरकार के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के उपरांत अनेक राष्ट्रीय एवं विदेशी कम्पनियों के लगभग 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 2.0 लाख करोड़ की निवेश योजनाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। शेष प्रस्तावों पर भी कार्यान्वयन की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है।

इसके साथ ही कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए धरातल पर कदम उठाए। इसकी बदौलत कोरोना काल में ही 52,000 के निवेश प्रस्ताव प्रदेश को प्राप्त हुए। कोविड संकट से लड़ते हुए उत्तर प्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।

पिछड़े क्षेत्रों के लिए त्वरित निवेश प्रोत्साहन के लिए बनाई नीति

प्रदेश सरकार ने निवेश की प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। देश के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र‘ के माध्यम से उद्यमियों की 90 प्रतिशत शिकायतों को सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया है। यूपी योगी सरकार ने कोविड-19 कालखंड के बाद पिछड़े क्षेत्रों के लिए त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 भी घोषित की।

इस नीति के तहत प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल और बुन्देलखण्ड क्षेत्रों में नई औद्योगिक इकाइयों को फास्ट ट्रैक मोड में आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। इन्हीं क्षेत्रों में अधिकतर प्रवासी मजदूरों का कामगारों की वापसी हुई है।

industrial-development
एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना

विभिन्न नए स्वदेशी विदेशी निवेश प्रस्तावों की सुविधा के लिए राज्य यूपी की योगी सरकार ने ‘इनवेस्ट यूपी’ के तहत हेल्पडेस्क स्थापित किया है। ‘मेक इन यूपी‘ को प्रोत्साहित करने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे कई औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना है। फिरोजाबाद, आगरा, उन्नाव, चित्रकूट, मैनपुरी और बाराबंकी जिलों में लगभग 22,000 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है।

40 से अधिक निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करने में मिली कामयाबी

इन तमाम प्रयासों के फलस्वरूप राज्य सरकार ने 40 से अधिक निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की है। इनमें जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, 10 देशों की कम्पनियों के लगभग 47,572 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सम्मिलित हैं।

डिफेंस कॉरिडोर में 50,000 करोड़ के निवेश की सम्भावना

प्रदेश सरकार डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ में कर रही है, जिनमें कुल 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की सम्भावना है। उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में अनेक इकाइयां हैं, जो डिफेंस सेक्टर के उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग करती हैं।

ये इकाइयां टैंकों की कास्टिंग, युद्ध सामग्री, स्टील फोर्जिंग, मध्यम और उच्च क्षमता की बंदूकें, खाली शेल, छोटे हथियार, उच्च क्षमता वाले आयुध तथा अतिरिक्त बैरल, पॉइंट 32 रिवॉल्वर एवं डिफेंस सेक्टर के लिए तकनीकी वस्त्र, इंजीनियरिंग सामान व अन्य घटकों की मैन्युफैक्चरिंग के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का रख रखाव, बदलाव और अपग्रेड करती है।

इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को 5,105 हेक्टेयर में विकसित करने की योजना है, जिसमें से 3.796 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली गई है तथा कुल 1321.92 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।

नए उद्योगों को दिया जा रहा बढ़ावा

प्रदेश सरकार नए प्रकार के उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है, जैसे बल्क ड्रग तथा मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग लॉजिस्टिक्स, डिफेंस, डाटा सेंटर आदि। सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को आवेदन की तिथि से 15 दिनों के भीतर भूमि प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है।

ग्रेटर नोएडा में बन रहे जेवर अंतरराष्ट्रीय अड्डे से छह किलोमीटर दूरी पर एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की फिल्म सिटी बन रही है। इसके अतिरिक्त एमएसएमई पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क, परिधान पार्क, हस्तशिल्प और खिलाना पार्क भी इस क्षेत्र में प्रस्तावित है। इन योजनाओं में 40,000 करोड़ों रुपये के निवेश और लगभग ढाई से तीन लाख लोगों को रोजगार मिलने की सम्भावना है।

यह भी पढ़ें: अयोध्या के राम मंदिर का इतिहास (सन 1528-2020 तक)

Related posts

राजस्थान सरकार करेगी प्रदेश में नशा मुक्ति के लिए नई कार्य योजना लागू

Buland Dustak

वल्लभनगर में 71.45% हुआ मतदान, पिछले चुनाव से 4% कम निकले मतदाता

Buland Dustak

उप्र पंचायत चुनाव : लखनऊ में दूसरे चरण में होगा मतदान

Buland Dustak

राज्य के 1067 गांवों में 2 लाख 44 हजार 879 ‘हर घर नल कनेक्शन’ की मंजूरी

Buland Dustak

चालक की सूझबूझ से दुर्घटनाग्रस्त होने से बची शताब्दी एक्सप्रेस

Buland Dustak

बंगाल में बारिश ने तोड़ा 13 सालों का रिकार्ड, जनजीवन पर व्यापक असर

Buland Dustak