- ग्वालियर एयर बेस से लड़ाकू मिग 21 बाइसन प्रशिक्षण मिशन के लिए भरी थी उड़ान - जांच के लिए वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी का गठन किया
नई दिल्ली: ग्वालियर एयर बेस से लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन के लिए रवाना हुआ भारतीय वायुसेना का एक मिग 21 बाइसन विमान बुधवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में आईएएफ ने ग्रुप कैप्टन ए गुप्ता को खो दिया। वायुसेना ने दुर्घटना का कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।
भारतीय वायुसेना के मिग 21 बाइसन विमान ने आज सुबह ग्वालियर एयर बेस से लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन के लिए उड़ान भरी थी। टेक-ऑफ रन के दौरान ही यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन ए गुप्ता की मौत हो गई।
दुर्घटना के बाद वायुसेना ने दिया कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश
वायुसेना ने दुर्घटना का कारण निर्धारित करने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। पिछले 18 महीनों में कुल 3 मिग-21 क्रैश हो चुके हैं। इससे पहले 05 जनवरी, 2021 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में प्रशिक्षण के दौरान वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन क्रैश हुआ था। विमान में गड़बड़ी का पता लगते ही पायलट ने सुरक्षित रूप से निकासी कर ली, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई थी। इस मामले में भी वायुसेना ने जांच के आदेश दे रखे हैं।
साठ साल की उम्र पूरी करने के बाद अब भारतीय वायुसेना से रूसी लड़ाकू विमान मिग वेरिएंट की विदाई का वक्त करीब आ गया है। वैसे तो भारत को पाकिस्तान से तीन युद्ध जिताने वाले इस ‘लड़ाकू’ मिग-21 को 50 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद रिटायर कर दिया गया था लेकिन भारत के पास बचे 54 ‘सेनानियों’ को रूसी कम्पनी ने अपग्रेड करके मिग-बाइसन बना दिया। अब एयरो इंडिया-2021 के दौरान 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए की डील फाइनल होने के बाद यह ‘योद्धा’ वायुसेना से रिटायर हो जायेगा।
लड़ाकू विमानों में तेजस लेगा इनकी जगह
लड़ाकू विमानों की इस पीढ़ी के विदा होने के बाद इनकी जगह स्वदेशी ‘तेजस‘ लेगा, जिसे एचएएल कई वेरिएंट में बना रहा है। भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने 27 फरवरी, 2019 को बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इसी मिग बाइसन विमान से पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया था लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है।
मिग-21 बाइसन रूसी कंपनी ने 11,496 मिग-21 विमानों का निर्माण करने के बाद अपने आखिरी मिग-21 को Mig Bison के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था। इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग-21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था। इसके बाद रूसी कंपनी ने भारतीय वायुसेना के पास बचे 54 मिग-21 विमानों को भी मिग-21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया।
इसलिए भारतीय वायु सेना का मिग-21 अपग्रेड होकर ‘मिग 21 बाइसन‘ हो गया। इस अपग्रेडेड ‘मिग-21 बाइसन’ में बबल कैनोपी और रैपराउंड विंडस्क्रीन, पहले से ज्यादा अधिक सक्षम रडार, दूर तक देखने की क्षमता, बियॉन्ड विजुअल रेंज, मिसाइल से फायर करने की क्षमता है। इनके अलावा कई अन्य संशोधनों ने हवाई जहाज की क्षमता में चार गुना वृद्धि की और इसे शुरुआती एफ-16 वेरिएंट के स्तर तक लाया गया। इस समय भारतीय वायुसेना के पास 54 मिग-21 बाइसन हैं।
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