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April 25, 2024
प्रयागराज

इफको कंपनी को विश्व की 300 सहकारी समितियों में मिला पहला स्थान

  • प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद पर कारोबार के अनुपात के आधार पर तैयार की गई ICA की वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट में इफको को पहला स्थान।
  • संपूर्ण कारोबार के मामले में इफको पिछले वित्त वर्ष के 125वें स्थान से चढ़कर 65वें स्थान पर आ गई है।
  • नंबर 1 सहकारी समिति के रूप में देश के सकल घरेलु उत्पाद और आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रही है।

नई दिल्ली: इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको कंपनी) विश्व की शीर्ष 300 सहकारी समितियों में No.1 सहकारी समिति है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। यह देश के सकल घरेलु उत्पाद और आर्थिक विकास में इफको के योगदान को दर्शाता है।

इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) द्वारा प्रकाशित 9वें वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट के 2020 संस्करण के अनुसार यह रैकिंग बताती है कि किसी उद्यम के कारोबार का देश की अर्थव्यवस्था मेंकितना योगदानहै। लगभग 36,000 सदस्य सहकारी समितियों और करीब 7 बिलियन डॉलर के ग्रुप टर्नओवर के साथ इफको विश्व की सबसे बड़ी सहकारी समितियों में शामिल है।

इफको कंपनी पिछले वित्त वर्ष के 125वें स्थान से चढ़कर 65वें स्थान पर

इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस(आईसीए) तथा द यूरोपियन रीसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोआपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज ने आज एक अंतरर्राष्ट्रीय वेबिनार के दौरान वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर का 2020संस्करण लांच किया है।

यह आईसीए द्वारा प्रकाशित 9वीं वार्षिक रिपोर्ट है जिसमें विश्व की प्रमुख सहकारी समितियों के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव का जायजा लिया गया है तथा कोविड व जलवायु परिवर्तन जैसी वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों के विश्लेषण के आधार पर  शीर्ष 300 की श्रेणी बनाई गई है।

IIFCO के प्रबंध निदेशक, डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि : “यह इफको व सहकारिताओं के लिए गर्व की बात है।‌ भारतीय सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने की दिशा में हम सबके लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।

इफको कंपनी

इफको कंपनी में हम लोग पूरे देश के किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारतीय सहकारिता आंदोलन को मजबूत कर रहे हैं। हम नवोन्मेष में विश्वास करते हैं क्योंकि सफलता की कुंजी है। मैं इफको से जुड़े सभी लोगों और देश के सहकारी बंधुओं को इस अनुपम उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।”

पिछले कई वर्षों से इफको कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता मंच पर भारत को गौरवान्वित किया है। वैश्विक मंच पर इफको की मजबूत उपस्थिति है क्योंकि इफको के निदेशक श्री आदित्य यादव आईसीए के वैश्विक निदेशक मंडल में इफको का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इफको में सहकारिता संपर्क विभाग के प्रमुख श्री तरुण भार्गव इंटरनेशनल कोआपरेटिव एन्ट्रीप्रीन्योरशिप थिंक टैंक(आईसीईटीटी) के अध्यक्ष और आईसीए की वैश्विक शाखा आईसीएओ की कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं।‌

डब्ल्यूसीएम

वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर एक परियोजना है जिसे पूरे विश्व की सहकारी समितियों के मजबूत आर्थिक, संगठनात्मक और सामाजिक आंकड़े एकत्र करने के लिए तैयार किया गया है। वर्ष 2020 में प्रकाशित वार्षिक अनुसंधान रिपोर्ट का यह 9वां संस्करण इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (आईसीए) द्वारा द यूरोपियन रीसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोआपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज (यूरिस) के वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग से तैयार किया गया है।

यह रिपोर्ट मुख्यत: दो आधार पर तैयार की जाती है, एक अमेरिकी डॉलर में कारोबार के आधार पर और दूसरा प्रति व्यक्ति सकल घरेलु उत्पाद पर कारोबार के आधार पर ।‌ उपलब्धता के अनुरूप शीर्ष 300 सहकारी समितियों का रोजगार आंकड़ा भी पेश किया जाता है।

इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस

इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस पूरे विश्व की सहकारी समितियों के बारे में जानकारी प्रदान करने वाला एक संगठन है। यह 110 देशों की 315 से अधिक सहकारी महासंघों और संगठनों का प्रतिनिधित्व करती है। ICA वैश्विक और क्षेत्रीय सरकारों और संगठनों के साथ मिलकर कार्य करती है ताकि सहकारी समितियों के गठन और विकास के लिए विधायी माहौल तैयार किया जा सके। इसका वैश्विक कार्यालय ब्रूसेल्स, बेल्जियम में है ।

इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय (यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया-पेसिफिक) हैं। यह  बैंकिंग, कृषि, मत्स्य, बीमा, स्वास्थ्य, आवास, उपभोक्ता सहकारी समिति तथा सेवा व उद्योग सहकारी समिति – कुल आठक्षेत्रों में काम करता है। इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना सहकारी सामाजिक उद्यम के मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 1895 में की गई थी।

यूरिस

यूरिस ट्रेन्टो (इटली) में अवस्थित एक अनुसंधान संस्थान है। सहकारिताओं, सामाजिक उद्यमों और अन्य गैर-लाभकारी संगठनों के लिए ज्ञान, विकास और नवोन्मेष को बढ़ावा देना तथा आर्थिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में ऐसे संगठनों के प्रभाव के बारे में बेहतर समझ विकसित करना इसका लक्ष्य है।  यूरिस की गतिविधियों का उद्देश्य सहकारी व सामाजिक उद्यमों के क्षेत्र में खंड-खंड में हो रहे शोध को कम करना तथा वैज्ञानिक और सामाजिक बहसों में इस क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना है।

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