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December 8, 2024
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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर ​दर्ज होंगे गलवान में ​शहीद 20 सैनिकों के नाम

- ​स्मारक पर सैनिकों के नाम अंकित करने की प्रक्रिया में कुछ महीने लगेंगे 

नई दिल्ली राष्ट्रीय युद्ध स्मारक: पूर्वी लद्दाख की ​गलवान घाटी में​ 15/16 जून की रात को​ ​​चीनी सैनिकों के साथ ​खूनी ​झड़प में ​शहीद हुए बिहार रेजिमेंट के 20 भारतीय सैनिकों के नाम ​इंडिया गेट पर बने ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक​’​ पर अंकित ​किए जाएंगे। ​यह अभी फैसला लिया गया है और ​​स्मारक पर सैनिकों के नाम अंकित करने की प्रक्रिया में कुछ महीने लगेंगे।​ ​हाल ही में लद्दाख की यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में बिहार​ रेजिमेंट के सैनिकों से मुलाकात की थी और उनकी बहादुरी को सलाम किया था। 

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से चीनियों का पहला टकराव 15 जून की शाम 7 बजे हुआ था। इस दौरान भिड़ंत सिर्फ हाथापाई और धक्का-मुक्की तक ही सीमित रही। 30 मिनट तक चली इस लड़ाई में दोनों ओर से लोग चोटिल हुए लेकिन भारतीय सैनिक चीनियों पर भारी पड़े। इस दौरान 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों ने चीन की उस पोस्ट को तोड़ दिया, जो 6 जून को हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता में बनी सहमति के बावजूद बनाई गई थी।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

झड़प का दूसरा दौर रात 9 बजे के करीब शुरू हुआ, जब भारत के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू के सिर से एक बड़ा पत्थर टकराया और वे गलवान नदी में गिर गए। यह टकराव करीब 45 मिनट तक चला। रात के अंधेरे में दोनों सेनाओं के करीब 300 सैनिक एक-दूसरे से लड़ रहे थे। आमने-सामने की इसी लड़ाई में चीनियों ने कील लगे रॉड और डंडों का इस्तेमाल किया। 

चीन और भारतीय सैनिकों के बीच तीसरा टकराव रात 11 बजे के बाद शुरू हुआ और छिटपुट तरीके से आधी रात के बाद तक जारी रहा। यह झड़प पूरी तरह से चीनी सीमा में हुई। इस दौरान भारतीय सैनिक चीनियों पर टूट पड़ रहे थे और कई चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ डाली थी लेकिन संकरी घाटी और सीधी चढ़ाई होने की वजह से भारत और चीन के कई जवान गलवान नदी में गिर गए। कई सैनिकों को गिरते वक्त पत्थरों से चोट लगी। शाम करीब सात बजे शुरू हुई इस लड़ाई के 5 घंटे गुजर जाने के बाद भारत और चीन के स्वास्थ्यकर्मी पहुंचे और अपने-अपने सैनिकों का इलाज शुरू किया।

तीन भारतीय सैनिकों की मौत चीनियों से सीधे संघर्ष में हुई जबकि 17 सैनिक गलवान नदी में गिरकर शहीद हो गये। तीसरी लड़ाई ख़त्म होते-होते सुबह का उजाला होने लगा था। उसके बाद पहुंचे सेना के हेलीकाप्टर ने नदी से भारतीय सैनिक के पार्थिव शरीर निकाले। इस घटना में भारत के 76 सैनिक घायल भी हुए, जिनका इलाज लेह के आर्मी अस्पताल में हुआ।

चीनी सैनिकों के साथ ​खूनी ​झड़प में ​शहीद हुए बिहार रेजिमेंट के 20 भारतीय सैनिकों के नाम ​इंडिया गेट पर बने ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’​ पर अंकित ​करके हमेशा-हमेशा के लिए अमर किए जाने का फैसला सरकार ने लिया है। गलवान घाटी में शहीदों के नाम:-    

बिहार रेजिमेंट

1. कर्नल बी संतोष बाबू

2. नायब सूबेदार सतनाम सिंह

3. नायब सूबेदार मनदीप सिंह

4. नायब सूबेदार नंदू राम सोरेन

5. नायब सूबेदार दीपक सिंह

6. सिपाही कुंदन कुमार

7. सिपाही अमन कुमार

8. सिपाही चंदन कुमार

9. सिपाही गणेश हजदा

10. सिपाही गणेश राम

11. सिपाही केके ओझा

12. सिपाही राजेश ओराव

13. सिपाही सीके प्रधान

14. सिपाही सुनील कुमार

15. सिपाही जय किशोर सिंह

81 एमपीएससी रेजिमेंट

16. हवलदार सिपाही बिपुल रॉय

पंजाब रेजिमेंट

17. सिपाही गुरुतेज सिंह

18. सिपाही अंकुश

19. सिपाही गुरुविंदर सिंह

81 फील्ड रेजिमेंट

20. हवलदार के पलानी

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