32.1 C
New Delhi
July 27, 2024
देश

​चीन से झड़प के बाद एलएसी पर ‘सीमित युद्ध’ के हालात

- पैंगॉन्ग झील के आसपास के स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया
- चीनी विदेश मंत्रालय ने एलएसी को पार न करने और घुसपैठ से किया इनकार
- तनाव कम करने को दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत शुरू
- चीन के जे-20 विमान लद्दाख इलाके के आसपास उड़ान भरने लगे 

नई दिल्ली: पैंगॉन्ग झील के ​​दक्षिणी इलाके में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच 29-30 अगस्त की रात हुई झड़प के बाद एलएसी पर ‘सीमित युद्ध’ के हालात बन गये हैं। चीनी सैनिकों की संख्या करीब 500 थी लेकिन यह भिड़ंत बिना हथियारों के हुई। इस घटना के बाद हालात काफी नाजुक हैं और अब लद्दाख बॉर्डर पर फिर अलर्ट बढ़ गया है। विवादों को सुलझाने के लिए चुसूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग चल रही है ताकि स्थिति को काबू में लाया जा सके। 

चीनी विदेश मंत्रालय ने घुसपैठ की बात मानने से इनकार कर दिया है। चीन की ओर से बयान दिया गया कि बॉर्डर पर मौजूद चीनी सैनिकों ने एलएसी को पार नहीं किया है। बॉर्डर पर जारी तनाव की स्थिति के बीच चीन के जे-20 विमान लद्दाख इलाके के आसपास उड़ान भर रहे हैं। इसके अलावा​ ​पैंगॉन्ग झील के आसपास के स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

एलएसी

भारतीय सैनिकों ने चीन को करारा जवाब दिया

इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में भी चीन ने ऐसे ही घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी शहादत देकर चीन को करारा जवाब दिया था। इस घटना में चीन के सैनिक भी मारे गये थे लेकिन चीनी सेना ने आज तक इस घटना में अपने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई है। रात भर में तीन दौर के खूनी संघर्ष के बाद तड़के 5 बजे के करीब दोनों सेनाओं के बीच शवों और घायल सैनिकों का आदान-प्रदान हुआ था। भारत की ओर से चीन को 5 सैन्य अधिकारियों समेत 26 सैनिकों के शव और 70 घायल सैनिक सौंपे गए थे, जिसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई थी।

इसके बाद भी घटनास्थल के पास से चीन के हेलिकॉप्टर दूसरे दिन तक अपने घायल और मृत सैनिकों को लेकर गए। इसके बावजूद मृत सैनिकों के शव उनके परिवार को नहीं दिए गये और गुपचुप तरीके से सामूहिक रूप से दफना दिए गये थे। इसी वजह से पीएलए में तेजी से अंसतोष बढ़ा और अब ढाई माह बाद गलवान घाटी में मारे गए 35 चीनी सैनिकों के कब्र की तस्‍वीर वायरल हुई है।  

भारत और चीन की सेनाएं एक बार फिर लद्दाख (एलएसी) में आमने-सामने है। चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की कोशिश को भारत के बहादुर जवानों ने नाकाम तो कर दिया लेकिन इस वक्त लद्दाख बॉर्डर के पास हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। 29-30 अगस्त की रात ड्रैगन सेना के ने करीब 500 जवान पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी इलाके में कैंप लगाने की कोशिश कर रहे थे। चीन के सैनिक पूरी तैयारी के साथ रात के अंधेरे में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने आये थे।

भारत ने लद्दाख से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जबरदस्त मोर्चेबंदी

इनके साथ टैंक और गोला बारूद भी था लेकिन मुस्तैद भारतीय जवानों को जब इसकी भनक लगी तो चीनी सैनिकों को रोका और उन्हें काफी पीछे खदेड़ दिया। चीनी सैनिकों की तैयारियों से पता चला कि वे इस इलाके में घुसपैठ करके पूरी तरह से डटने के लिए आए थे। चीन के धोखेबाजी का इतिहास को देखते हुए भारत ने लद्दाख से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जबरदस्त मोर्चेबंदी कर रखी है। ड्रैगन की नापाक हरकतों को रोकने के लिए भारतीय जवान दिन-रात निगरानी कर रहे हैं।

इस घटना को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने हालात से अलग बयान दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से घुसपैठ मानने से इनकार करते हुए बयान दिया है कि बॉर्डर पर मौजूद चीनी सैनिकों ने एलएसी को पार नहीं किया है, दोनों देशों के बीच इस मसले को लेकर बातचीत जारी है। दूसरी तरफ सोमवार की सुबह भारत सरकार ने चीन सीमा पर ताजा स्थिति को लेकर जारी बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास दोनों देशों के सैनिक 29-30 अगस्त की रात को आमने-सामने आए। 

चीनी सेना ने यहां पर घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया। भारत ने अपने बयान में कहा है कि 29-30 अगस्त की रात को चीनी सेना के जवानों ने पिछली बैठकों में हुए समझौते को तोड़ा है और पूर्वी लद्दाख के पास हालात को बदलने की कोशिश करते हुए घुसपैठ की। अब इस विवाद को सुलझाने के लिए बैठक जारी है, दोनों ओर कमांडर लेवल के अफसर मसले को सुलझाने की कोशिश में लगे हैं।

Related posts

आखिरकार भारत ने बनाई गलवान घाटी तक सड़क

Buland Dustak

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में शामिल होंगे 25 देशों के NCC Cadets

Buland Dustak

भूकंप के तेज झटकों से कांपा दिल्ली सहित समूचा उत्तर भारत

Buland Dustak

भारत ने एक करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीनेशन करके रचा इतिहास: डॉ. हर्ष वर्धन

Buland Dustak

भारत और रूस की नौसेनाएं उतरीं बंगाल की खाड़ी में

Buland Dustak

हा​थरस: नफरत फैलाने के लिए रातों रात बनाई गई ‘दंगे की वेबसाइट’

Buland Dustak