भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के 50 वर्ष पूर्ण होने पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शुक्रवार को विजय दिवस मनाएगा। इस युद्ध में बीएसएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। युद्ध लड़ने वाले 22 जांबाज योद्धा वर्तमान में जीवित है, इन सभी का सम्मान किया जाएगा।
इसके अलावा भारतीय सीमा की पाकिस्तान से रक्षा करने वाले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान अंतर्राष्ट्रीय तारबंदी के साथ फ्लड लाइटों के प्रकाश मेें भारत- माता का शंखनाद करते हुए बेटन रिले दौड़ लगाएंगे।
बीएसएफ के DIG पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि 11 दिसम्बर, शुक्रवार को यह कार्यक्रम बीएसएफ के सैक्टर मुख्यालय पर ही आयोजित किया जाएगा। साथ ही इन्हीं जांबाज योद्धाओं के पारिवारिक सदस्यों को सांचू बॉर्डर पोस्ट जहां एक म्यूजियम बनाया गया है का अवलोकन भी इस दौरान कराया जाएगा।
राठौड़ ने बताया कि इसके अलावा 15 दिसम्बर को 180 किलोमीटर की नाइट-डे बैटन रिले दौड़ का आयोजन भी बीएसएफ द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दौड़ लगाने से पहले ही अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मौजूद बीएसएफ के जवान दिन-रात अभ्यास में जुटे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि संभवत: पश्चिमी सीमा पर यह दौड़ पहली बार हो रही है।चूंकि पांच वर्ष पूर्व पश्चिम बंगाल बोर्डर पर स्वयं उन्होंने ही ऐसी दौड़ आयोजित करायी थी जिसका लिम्का बुक अवार्ड में नाम दर्ज है।
बॉर्डर पर आधी रात बाद शुरु होगी दौड़ बीएसएफ
बीएसएफ डीआईजी राठौड़ ने बताया कि भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीकानेर सैक्टर के खाजूवाला के पास कावेरी पोस्ट से नाइट-डे बैटन रिले दौड़ शुरु होगी, जो अनूपगढ़ के कैलाश पोस्ट के पास पूर्ण होगी।इस दौड़ के साथ जवान अपनी ड्यूटी, पेट्रोलिंग भी करेंगे।
समापन स्थल पर अगले दिन 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाएगा। चूंकि बीएसएफ द्वारा पहली बार विजय दिवस सैलिब्रेट किया जा रहा है। भारतीय सीमा की पाकिस्तान से रक्षा करने वाले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान अंतर्राष्ट्रीय तारबंदी के साथ फ्लड लाइटों के प्रकाश मेें भारत-माता का शंखनाद करते हुए बेटन रिले दौड़ लगाएंगे।
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