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May 19, 2024
हेल्थ

क्या शराब की लत कर देगा इम्यून सिस्टम को कमज़ोर?

शराब की लत सेहत के लिए हानिकारक होती है यह बात आमतौर पर सभी लोग जानते होंगे। इसे पीने से क्या-क्या बीमारियां होती हैं और यह कैसे जिंदगी को तबाह कर देता है इस बात से भी लोग बखूबी वाकिफ होते हैं। लेकिन इसके दुष्परिणामों को जानते हुए भी लोग इसका सेवन करके अपने जीवन का वह सुख भोगने का प्रयास करते हैं जिसके बदले उन्हें मौत नसीब हो सकती है।

शराब की लत

लोग अक्सर दोस्तों के कहने पर या तनाव कम करने के लिए इसका सेवन करना शुरू करते हैं और देखते ही देखते यह लत बन जाती है। शराब पीने के बहुत सारे दुष्प्रभाव हैं लेकिन उनमें जो बेहद ही घातक साबित होते हैं, उनके बारे में जानना बेहद ही ज़रूरी है। कुछ प्रमुख हानि हैं जो मदिरा पीने से शरीर को पहुँचती हैं। जैसे कि कोई व्यक्ति नियमित तौर पर प्रतिदिन शराब पीता रहता है तो उसका लीवर प्रभावित होता है और बहुत जल्द यह खराब हो जाता है । उस व्यक्ति को “सिरोसिस कैंसर” यानी लीवर का कैंसर भी हो सकता है।

शराब का सेवन कितना हानिकारक ?

अब इसका सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो जाए तो भला वह व्यक्ति आखिर कब तक जिंदा रह सकता है। लेकिन लीवर को ट्रांसप्लांट कर दिया जाए तो इसका इलाज सम्भव है पर इसका इलाज़ इतना आसान नहीं है क्योंकि किसी व्यक्ति को लीवर जल्दी मिल नहीं पाता और साथ ही इसके इलाज़ में इतना पैसा लग जाता है जिसके चलते उसकी आर्थिक स्थिति डाँवाडोल हो सकती है। तो इतनी मुसीबत झेलने से अच्छा ही है कि मदिरा का सेवन करना ही बन्द कर दें।

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शराब पीने का अगला नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की पाचन शक्ति को कमज़ोर करता है। जिसका नतीजा यह रहता है कि व्यक्ति का भोजन जल्दी पचेगा ही नहीं साथ ही भूख कम और प्यास अधिक लगेगी। अधिक शराब पीने से अग्नाशय में सूजन आ जाती है और इसका जिस प्रकार से खतरनाक दर्द पूरे शरीर में होता है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मनुष्य को इस दर्द के चलते किसी काम में मन नहीं लगेगा, लगातार शरीर में दर्द रहेगा।

शराब व्यक्ति के सोचने की क्षमता को कम करता जाता है

इसके अलावा अधिक शराब पीने से भूलने की बीमारी, छोटी-छोटी बात पर अधिक क्रोध करना और कब व्यक्ति को अमाशय का अल्सर हो जाता है जिसकी उसे भनक भी नहीं लगती। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि शराब पीकर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। तो इसका जवाब है कि जब कोई व्यक्ति अधिक शराब पीता है तो उसके दिमाग पर इसका बहुत बुरा असर होता है और शराब पीते-पीते दिमाग और शरीर का आपस में तालमेल बिगड़ने लगता है।

शराब व्यक्ति के सोचने की क्षमता को कम करता जाता है और जब व्यक्ति का दिमाग काम करना धीमें कर देगा तो उस व्यक्ति की जुबान लड़खड़ाने लगेगी और आपको समझ में ही नहीं आएगा कि व्यक्ति क्या बोलना चाह रहा है। यही वजह है कि कई बार लोग शराब के नशे में सच बोल जाते हैं। अब जब व्यक्ति का दिमाग काम नहीं कर रहा है साथ ही उसकी सोचने-समझने की क्षमता लगभग समाप्त हो चुकी है, ऐसे में अगर वह गाड़ी चलाएगा तो अपनी जान तो जोखिम में डाल ही रहा है।

इसके अलावा दूसरे लोगों की जान खतरे में आ सकती है और इसी लिए कहा जाता है कि शराब पीकर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। आज के समय में जो मरीज़ “टीबी” रोग से जूझ रहे हैं उनमें से 10 प्रतिशत लोगों को शराब की लत है। तो एक तरह से शराब टीबी जैसे खतरनाक रोगों को भी जन्म देता है। साथ ही कैल्शियम की कमी होने लगती है और अगर कोई व्यक्ति का छोटा सा भी एक्सीडेंट हो गया तो उसमें उसकी हड्डी ज़रूर टूट जाएगी और यही नहीं इसको जुड़ने में भी तय समय के अनुसार अधिक समय लगता है।

शराब की लत कई बीमारियों के साथ क्रोध और घरेलू हिंसा को भी देता है जन्म

आज के समय में जिसका “इम्यून सिस्टम” मजबूत है वह कोरोना वायरस को हराने में समर्थ है। लेकिन जिनको शराब पीने की लत लगी है उनका इम्यून सिस्टम बहुत ही कमज़ोर हो जाता है। इसके पीछे की वजह यह है कि इसका सेवन करने से व्यक्ति के ह्रदय, फेफड़े, लिवर, किडनी इन सब पर अपना नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अलावा अनेक प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं जैसे मुँह, लीवर या गले का कैंसर इत्यादि जैसे जानलेवा बीमारी हो सकते हैं। अब जिस व्यक्ति को मद्यपान की वजह से इतनी परेशानी होगी तो उसका इम्यून सिस्टम कभी मजबूत ही नहीं हो पाएगा।

साथ ही इसका सेवन करने से क्रोध बढ़ता है और इसी वजह से घरेलू हिंसा जन्म लेती है। बात करें भारत की तो यहां 16 करोड़ से अधिक लोग शराब का नशा करते हैं जो कि बेहद ही शर्मनाक बात है और यही वजह है कि भारत में सबसे पहले लॉकडाउन के बाद शराब का काराबोर खोल दिया गया क्योंकि इसका आर्थिक फायदा सरकार को अधिक मिलता है पर बर्बाद व्यक्ति होता है। अब इस आंकड़े को देखते हुए कुछ राज्य सरकारों ने अपने राज्य में शराबबंदी लगा दी है।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2020-21 “एंटी ड्रग ऐक्शन प्लान” को लाया ताकि लोगों में नशा करने की बढ़ती हुई संख्या पर कुछ हद तक कंट्रोल पाया जा सके। उम्मीद है कि आने वाले समय में अन्य राज्य सरकारें भी इस पर कड़ा रुख लेंगी। लेकिन ऐसे प्लान आते और जाते रहेंगे अगर व्यक्ति चाहे तो वह इस लत से अपने आप ही छुटकारा पा सकता है पर जब तक व्यक्ति खुद को इस शराब की लत से छुड़वाने का प्रयत्न नहीं करेगा तब तक सरकार के प्लान और लोगों की सलाह उसके लिए किसी काम की नहीं।

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