32.1 C
New Delhi
July 27, 2024
हेल्थ

सावधान! वैज्ञानिकों का दावा, हवा से भी फैलता है कोरोनावायरस

दुनिया के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोनावायरस हवा में भी मौजूद रहता है और यह हवा में कई फीट तक दूरी भी तय कर सकता है। कोरोना संक्रमण पर वैज्ञानिकों के इस दावे से लोगों में डर का एक नया माहौल बन गया है।

वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह पता चला है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने या फिर बात करने के दौरान जो छीटे निकलती हैं, उसमें वायरस के कण मौजूद होते हैं, जिन्हें हम एरोसोल्स भी कहते हैं। वे छीटेंं सिर्फ जमीन या किसी और सतह पर ही वायरस का कण नहीं छोड़तीं बल्कि हवा में भी काफी समय तक वायरस के कण जिंदा रहते हैं।

कोरोनावायरस

दिसंबर, 2019 में चीन से निकले कोरोनावायरस से अभी तक विश्व भर में एक करोड़ 20 लाख ले अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। लगभग साढ़े पांच लाख लोग जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद यह महामारी किस-किस तरह से लोगों को संक्रमित कर सकती है, इसको लेकर भ्रम बरकरार है। इस महामारी के प्रति लोगों के व्यवहार और इलाज से संबंधित गाइड लाइन समय-समय पर डब्ल्यूएचओ जारी करता रहा है।

जिसके अनुसार कोरोना का फैलाव संक्रमित व्यक्ति के खांसने, बोलने या छींकने से निकलने वाले ड्रापलेटस के मुंह या नाक के जरिए सांस की नली तक पहुंचने से होता है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने लोगों को हाथ धोने, मास्क पहनने और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाकर रखने का सुझाव दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन गाइड लाइन्स

अब विश्व के लगभग 200 अनुसंधानकर्ताओं व वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस गाइड लाइन को चुनौती देते हुए कहा है कि कोरोनावायरस हवा में भी काफी समय तक न सिर्फ जिंदा रहता है, बल्कि 6 फीट से अधिक की दूरी भी तय कर सकता है। इन अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार ये एरोसोल्स हवा में काफी समय तक बने रहते हैं और वे हवा के साथ तैर कर कई फीट की दूरी भी तय करते हैं।

इन एरोसोल्स वे लोग जल्दी संक्रमित हो सकते हैं, जो अपेक्षाकृत कम हवादार मकान में रहते हैं। जहां एक कमरे में ज्यादा लोग रहते हैं या बंद बस या रेलगाड़ी में यात्रा करने वालों को भी इससे संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।

Also Read: विश्व स्तनपान सप्ताह: मां के दूध से बच्चे की बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

साउथ चाइना माॅर्निंग पोस्ट मीडिया ने कई एक्सपर्टस के इंटरव्यू के हवाले से कहा है कि ऐसा कई मामलों में देखने में आया है कि एरोसोल्स के जरिए लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। जैसे चीन के रेस्टोरेंट में पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले लोगों को भी वहां कोरोना संक्रमण हो गया।

इसी तरह अमेरिका के वाशिंगटन में किसी कार्यक्रम के रिहर्सल के दौरान भी कुछ लोग संक्रमिक हुए जबकि वे पूरी तरह सावधानी बरत रहे थे। वे किसी संक्रमित के सीधे संपर्क में नहीं आए और न ही किसी वस्तु को छूकर उसे नाक-मुंह से लगाते थे। इससे साफ है कि वे हवा में फैले कोरोनावायरस के कण से संक्रमित हुए थे।

Related posts

HIV-AIDS पीड़ितों के लिए समाज को बदलनी होगी अपनी बीमार मानसिकता

Buland Dustak

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नींबू का सेवन करें, रेट में बढ़ोत्तरी, मांग बढ़ी

Buland Dustak

स्वाद में कड़वा, मगर तमाम रोगों से मुक्ति दिलाने में कारगर है करेला

Buland Dustak

इस सर्द मौसम में करें अपने होठों की देखभाल- शहनाज हुसैन

Buland Dustak

Armenian cucumber- ककड़ी का करें सेवन और बीमारियां भगाएं दूर

Buland Dustak

हल्का भोजन, उपवास जैसे कई साधारण उपाय देंगे कोरोना काल में लाभ

Buland Dustak