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June 20, 2025
बिजनेस

भारत में भी बनेगा Gold Stock Exchange, शेयर की तरह होगी सोने की ट्रेडिंग

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गोल्ड एक्सचेंज का गठन करने के लिए सेबी (वॉल्ट मैनेजर्स) विनिमय, 2021 के फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही भारत में भी Gold Stock Exchange की शुरुआत होने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में शेयर बाजार की तर्ज पर ही सोने की ट्रेडिंग की जाएगी।

हालांकि इसमें सोने की ट्रेडिंग हाजिर सोने (स्पॉट गोल्ड) की तरह नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट यानी ईजीआर के रूप में की जाएगी। हालांकि Gold Stock Exchange में ईजीआर ट्रेडिंग के लिए सोने के न्यूनतम मूल्य या न्यूनतम वजन की बात को लेकर अभी कोई निश्चित पैमाना तय नहीं किया गया है।

Gold Stock Exchange

बताया जा रहा है कि प्रस्तावित गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में वॉल्ट मैनेजर बनने के लिए न्यूनतम 50 करोड़ रुपये नेटवर्थ वाली कंपनियां आवेदन कर सकेंगी। इन कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के पास पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही वे Gold Stock Exchange में वॉल्ट मैनेजर के रूप में काम की शुरुआत कर सकेंगी

फिजिकल गोल्ड को वॉल्ट मैनेजर के पास जमा कराना होगा

बताया जा रहा है कि गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले फिजिकल गोल्ड को वॉल्ट मैनेजर के पास जमा कराना होगा। वॉल्ट मैनेजर सोने की गुणवत्ता को परखने और वजन के हिसाब से उसकी कीमत तय करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (ईजीआर) जारी करेगा।

इस ईजीआर को जब तक वॉल्ट मैनेजर के पास सरेंडर नहीं किया जाएगा, तब तक वो ट्रेडिंग के लिए मान्य बना रहेगा। मतलब इस ईजीआर का कोई एक्सपायरी टाइम नहीं होगा। सरेंडर करने के बाद ये ईजीआर खुद ही अमान्य हो जाएगा। बताया जा रहा है कि ईजीआर को भुनाने के लिए ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से कभी भी ईजीआर को वॉल्ट मैनेजर के पास सरेंडर करके उस समय की सोने की कीमत के हिसाब से सोना ले सकेगा।

बताया जा रहा है कि Gold Stock Exchange में ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रस्तावित ईजीआर को सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) ऐक्ट-1956 के तहत एक सिक्योरिटी के रूप में ही नोटिफाई किया जाएगा।

सेबी (वॉल्ट मैनेजर) विनिमय, 2021 के तहत मिली मंजूरी के मुताबिक देश के किसी भी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में एक अलग सेगमेंट के रूप में ईजीआर की ट्रेडिंग की जा सकेगी। इस तरह से गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज के साथ ही शेयर बाजार भी प्रत्यक्ष तौर पर ईजीआर ट्रेडिंग का हिस्सा बन सकेगा।

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Gold Stock Exchange से सोने के कारोबार को मजबूती मिल सकेगी

कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि भारत जैसे देश में हर साल करीब 800 टन सोने की घरेलू मांग होती है। मतलब रोजाना औसतन 2.2 टन सोना घरेलू बाजार में बिक जाता है। लेकिन अभी भी देश में सोने की खरीद बिक्री के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई एक मूल्य निर्धारण प्रक्रिया नहीं बन सकी है।

देश के अलग-अलग शहरों में सोने की कीमत में प्रति 10 ग्राम 100 रुपये से 600 रुपये तक का अंतर पाया जाता है। लेकिन Gold Stock Exchange का गठन हो जाने के बाद ईजीआर ट्रेडिंग के जरिए सोने का एक राष्ट्रीय मूल्य तय किया जा सकेगा। बाजार की मांग के मुताबिक इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव जरूर होगा, लेकिन देश के हर कोने में एक वक्त में सोने की समान कीमत ही मान्य होगी।

कमोडिटी एक्सपर्ट मयंक श्रीवास्तव का कहना है कि भारतीय बाजार में सोने की खरीद बिक्री में अभी तक आम लोगों को मूल रूप से 2 तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। पहली परेशानी सोने की गुणवत्ता को लेकर थी, तो दूसरी परेशानी देशभर में एक समान मूल्य नहीं होने की थी।

लेकिन केंद्र सरकार ने हॉलमार्किंग की अनिवार्यता को लागू करके सोने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। और अब Gold Stock Exchange के गठन के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी देकर सोने की एक राष्ट्रीय कीमत तय करने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है, जिससे आने वाले दिनों में सोने के कारोबार को मजबूती मिल सकेगी।

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