रांची के करमटोली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को केंद्रीय Dhumkuria भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय धुमकुड़िया भवन जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपराओं के उत्थान का केंद्र बनेगा। धुमकुड़िया की परंपरा को पूर्वजों की धरोहर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भवन झारखंड की पहचान बनेगा।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि सरकार का यह एक अनूठा और ऐतिहासिक कदम है। आज हम सभी लोग इस क्षण के गवाह हैं। Dhumkuria भवन का जल्द उद्घाटन भी हो इसी सोच के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। धुमकुड़िया शब्द में बहुत कुछ रचा-बसा है।
आदिवासी समुदाय में Dhumkuria में ही बैठकर सभी संस्कार तय किये जाते हैं तथा उन पर चर्चा एवं विचार-विमर्श किए जाते है। धुमकुड़िया की परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री बुधवार को करमटोली में बनने वाले केंद्रीय धुमकुड़िया भवन के भूमि पूजन तथा शिलापट्ट का अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
आने वाली पीढ़ी को संस्कारों के साथ दिखाएं राह
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें अपनी सामाजिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों के साथ यहां तक पहुंचाया है। हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी को हम सांस्कृतिक तथा सामाजिक संस्कारों के साथ आगे की राह ले चलें।
आज इस विकास के दौर में भी आदिवासी समुदाय को जितनी ऊंचाइयों तक पहुंचना चाहिए था वहां तक नहीं पहुंच पाया है। आदिवासी समाज को विकास की राह में गति मिले, इस निमित्त हमारे सहयोगी मंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा Dhumkuria भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ करना एक सकारात्मक पहल है। मैंने पहले भी रांची के हरमू में एक नींव रखी थी जो आज सरना स्थल के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक एकजुटता ही सशक्त समाज का आधार है। हमें सदैव अपने संस्कृति और सामाजिक संस्कारों से जुड़ कर रहना चाहिए।
12 महीनों में पूरा होगा धुमकुड़िया भवन का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग डेढ़ करोड़ की राशि से बनने वाले धुमकुड़िया भवन का निर्माण कार्य 12 महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि राजनीति से अलग हटकर समाज को उत्थान एवं सकारात्मक दिशा देने के लिए हमें धुमकुड़िया भवन प्रेरित करेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री एवं मंत्री चंपई सोरेन सहित अन्य को जगलाल पाहन ने पूरे रीति-रिवाज के साथ भूमि पूजन कार्य संपन्न कराया।
आखिर क्या है Dhumkuria
Dhumkuria एक ऐसा स्थल है, जिसका आदिवासी समाज खास तौर पर उरांव जनजाति की परंपराओं में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस अवसर पर रांची के सांसद संजय सेठ, पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय, रांची विधायक सीपी सिंह, मांडर विधायक बंधु तिर्की, खिजरी विधायक राजेश कच्छ्प, मेयर आशा लकड़ा, अनुसूचित जनजाति-अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, उपायुक्त छवि रंजन सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं टाना भगत समुदाय के प्रतिनिधि, आदिवासी समाज के प्रतिनिधि तथा अन्य उपस्थित थे।