गांधीनगर/अहमदाबाद: केन्द्र सरकार 16 जनवरी से कोरोना से बचाव के लिए राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा कर चुकी है। इस संबंध में गुजरात सरकार ने भी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग और फ्रंटलाइन के 11 लाख कर्मचारियों को मुफ्त टीका लगाया जायेगा। राज्य में टीकों के लिए डाटाबेस तैयार करने का काम भी पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा कि हम नए साल को नई उम्मीद के साथ देख रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम चरण में है। हमारे डॉक्टरों, पुलिस, नर्सों, सफाई कर्मचारियों ने पूरी मुस्तैदी से इस लड़ाई को लड़ा है। पूरा देश लंबे समय से कोविड वैक्सीन का इंतजार कर रहे था, टीका आ गया है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन भारत में ही बनाई गई है, जो एक आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करती है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही डाटाबेस तैयार करने का काम भी गुजरात में पूरा हो चुका है। राज्य के चार लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी और छह लाख से अधिक फ्रंटलाइन कर्मचारी हैं। इस तरह लगभग 11 लाख से अधिक कर्मचारियों को पहले कोविड वैक्सीन का टीका लगाया जायेगा।
गुजरात सरकार वैक्सीनेशन के लिए पूरी तरह है तैयार
राज्य में वैक्सीन के परिवहन और भंडारण की भी व्यवस्था कर ली गई है। राज्य में छह जगहों पर भंडारण की व्यवस्था की गई है। वैक्सीन सेंटर में वेटिंग रूम, वैक्सीन रूम, ऑब्जर्वेशन रूम होंगे। मुख्यमंत्री रुपाणी ने बताया कि 50 वर्ष से अधिक आयु के 1 करोड़ 5 लाख लोग हैं। इनमें 2 लाख 75 हजार लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। वैक्सीनेशन के लिए16,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
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मुख्यमंत्री रूपानी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर सहित अन्य कोरोना वारियर्स ने एक प्रशंसनीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने गुजरात के लोगों से कहा कि गुजरात में सभी को प्राथमिकता के अनुसार वैक्सीन मिलेगी। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की भी अपील की।