19.1 C
New Delhi
November 21, 2024
विचार

सिकुड़ते वेटलैंड्स (Wetlands), पर्यावरण असंतुलन और संकट में जीवन

2 फरवरी को World Wetlands Day पर विशेष

2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) मनाया जाता है। 2 फरवरी 1971 को विश्व के विभिन्न देशों ने ईरान के रामसर में विश्व के वेटलैंड्स के संरक्षण के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किये थे। इसीलिये इस दिन विश्व वेटलैंड्स दिवस का आयोजन किया जाता है।

इसका उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग का सामना करने में आर्द्रभूमि जैसे दलदल तथा मंग्रोव के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष 2021 के लिये World Wetlands Day की थीम आर्द्रभूमि और जल रखा गया है।

अर्थ डे नेटवर्क स्टार व पर्यावरणविद सुशील कुमार द्विवेदी ने बताया कि वैज्ञानिक भाषा में तालाबों, धारों, झीलों, नालों, नदियों, दलदलों, मंग्रोव और लगूनों जहां करीब 6 मीटर गहरा पानी हो और वह साल भर जमा रहे, को वेटलैंड्स कहा जाता है।

सिकुड़ते वेटलैंड्स, पर्यावरण असंतुलन और संकट में जीवन

वर्तमान में पूरी दुनिया में 2266 वेटलैंड्स को अंतरराष्ट्रीय महत्त्व का घोषित किया है। इनका कुल क्षेत्रफल 2.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है। इनमें 26 वेटलैंड्स भारत के हैं। इनमें वेम्बनाद झील देश का सबसे बड़ा वेटलैंड्स है, जो 3 लाख एकड़ से भी ज्यादा जगह में फैला हुआ है।

बताया कि उत्तर प्रदेश में वेटलैंड्स(Wetlands) पर सबसे बड़ा खतरा है। उत्तर प्रदेश में कुल 23,890 वेटलैंड्स हैं जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 5.16 प्रतिशत है। प्रदेश में वेटलैंड्स पर मंडराते खतरे को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी भी नाराजगी जाहिर कर चुकी है।

वेटलैंड्स को बचाने के लिए सन 2010 में कानून बनाकर वेटलैंड्स को सुरक्षित और संरक्षित करना। लेकिन कानून बन जाने के बावजूद भी वेटलैंड्स की सुरक्षा नहीं हो पा रही है।

सिकुड़ते वेटलैंड्स

मानव सभ्यता के लिए क्यों जरूरी हैं वेटलैंड्स

वेटलैंड्स को बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट कहा जाता है। क्योंकि ये विस्तृत भोज्य-जाल का निर्माण करते हैं। जिससे प्रचुर जैव विविधिता संरक्षित होती है दुनिया की तमाम बड़ी सभ्यताएं जलीय स्रोतों के निकट ही बसती आई हैं और आज भी वेटलैंड्स विश्व में भोजन प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

आर्द्रभूमि(Wetlands) के नज़दीक रहने वाले लोगों की जीविका बहुत हद तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन पर निर्भर होती है। ये एक अरब से ज्यादा लोगों को भोजन, कच्चा माल और दवाएं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप वेटलैंड्स से मिलती है।

वेटलैंड दुनिया के सभी वनों के मुकाबले दोगुनी मात्रा में कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता रखते है तथा चक्रवात, सुनामी, बाढ़ और सूखे को कम करके जलवायु संबंधी आपदाओं के विरुद्ध बफर के रूप में कार्य करती हैं। वेटलैंड्स से पृथ्वी पर मौजूद जीवन को 40 फीसदी ताजा पानी मुहैया होता हैं। वेटलैंड्स बाढ़ के दौरान जल के आधिक्य का अवशोषण कर लेते हैं।

प्राकृतिक आपदा से बचना है तो बचाने होंगे वेटलैंड्स

बताया कि हम प्रत्येक वर्ष 2-3 प्रतिशत की दर से आर्द्रभूमि(Wetlands) खो रहे हैं। इस गिरावट के कारण कृषि, वनों की कटाई, प्रचलित प्रजातियों, जलवायु परिवर्तन, जल निकासी, भूमि अतिक्रमण और शहरी विकास से अधिक हैं।

पक्षियों के दल जलवायु परिवर्तन पर शोध करने वाले वैज्ञानिक अब तक प्रदूषण, वन कटाई और आर्कटिक से रिसती मीथेन गैस को ही जलवायु परिवर्तन का जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अब भूमि पर मौजूद जलीय इलाकों के शोध ने ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर नया आयाम सामने रखा है। तालाबों, दलदलों, पोखरों और छोटी झीलों के इर्द-गिर्द हरे-भरे पेड़ थे।

लेकिन अब झील और तालाब पाटे जा रहे हैं। यही नहीं, आर्द्रभूमि के खत्म होने से ग्राउंड वाटर का रिचार्ज बाधित होगा और मछलियों का उत्पादन भी घटेगा। इन सबके साथ ही आर्द्रभूमि के न रहने पर वायु प्रदूषण बढ़ जाएगा, क्योंकि वेटलैंड्स कार्बन को सोखती भी है। जलीय इलाकों में जंगलों के मुताबिक दो दोगुना ज्यादा कार्बन संचित हैै।

https://bulanddustak.com/business/health-budget-may-be-doubled-this-financial-year-2021/

Related posts

हैती में कानून की उड़ी धज्जियाँ, राष्ट्रपति Jovenel Moise की हुई हत्या

Buland Dustak

सावित्रीबाई फुले का आदर्श जीवन सम्पूर्ण सभ्यता के लिए महान प्रेरणा

Buland Dustak

कुशाभाऊ ठाकरे: जन्म शताब्दी वर्ष को संगठन पर्व के रूप में मना रही भाजपा

Buland Dustak

आतंकियों के शत्रु और गंगा मैया के भक्त थे प्रणव दा

Buland Dustak

कलाकारों की आर्थिक मदद को संस्कार भारती की बड़ी मुहिम

Buland Dustak

वाल्मीकि रामायण से जानें रावण की लंका का विस्तृत वर्णन

Buland Dustak