Jovenel Moise Assasination: वर्तमान में देखा जाए तो बड़े देशों में वहाँ की सत्ता पर हक सरकार का रहता है लेकिन बात करें छोटे देशों की तो वहाँ पर सरकार तो सत्ता पर रहती है लेकिन अधिकतर शासन वहाँ के ‘अराजक तत्वों‘ का होता है, चाहे वो अफगानिस्तान में “तालिबान” हो या फिर हैती देश के “आपराधिक गिरोह“।
हैती देश में सरकार का शासन 40 प्रतिशत रहता है तो आपराधिक गिरोह का 60 प्रतिशत और यही वजह है कि यहाँ से लोग पलायन करने पर मजबूर हैं। 1 करोड़ 10 लाख के करीब इस आबादी वाले देश में अपराध, बेरोज़गारी अपने चरम पर है। लेकिन इन सबके बीच हैती देश में एक ऐसी साजिश को अंजाम दिया गया है जिसने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है।
चौंकाने वाला मामला यह है कि यहाँ के राष्ट्रपति “Jovenel Moise” की हत्या कर दी गई है। हत्या के तुरन्त बाद ही पुलिस ने चार संदिग्धों को मौत के घाट उतार दिया और छः लोगों को हिरासत में लेकर इस मामले के आगे की जांच करने में जुट गई है।
क्या जोनेवल मोइस को पहले ही उनकी हत्या का आभास हो गया था?
इसी साल फरवरी के महीने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उनकी तरफ से यह बयान दिया गया था कि उनको राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए कई ताकतवर लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं। यहाँ तक कि उन्होंने बीस लोगों को जेल में डाल दिया था और इस पर Jovenel Moise ने कहा था यह लोग इनकी हत्या करने की फिराक में हैं।
लेकिन इन लोगों ने कोर्ट में अर्जी दायर की और नतीजा यह रहा कि उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। अब बड़ा प्रश्न यह है कि क्या जोनेवल मोइस की हत्या करने की साजिश में इनका भी हाथ है यह तो जाँच होने पर ही पता चल सकेगा।
उतार-चढ़ाव से भरा है जोनेवल मोइस का राजनीतिक सफर?
48 साल के Jovenel Moise केला उत्पादन के कारोबारी रह चुके हैं और जब इनको राजनीति क्षेत्र में भेजा गया तो उन्हें ना ही इसका कोई अनुभव था और ना ही इस क्षेत्र में अधिक ज्ञान। जैसे कि भारत में भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री होते हैं वैसे ही हैती देश में भी होते हैं। लेकिन फर्क इतना है कि भारत में अधिकतर ताकत प्रधानमंत्री के पास होती तो “हैती” में राष्ट्रपति के पास।
2015 में जब राष्ट्रपति पद का चुनाव हुआ तो जोवेनल मोइस को जीत मिली लेकिन उस चुनाव को रद्द कर दिया गया। इसके बाद 2017 में फिर से चुनाव हुए और एक बार और जीत इन्हीं की हुई और तब से ये आज तक राष्ट्रपति बने हुए थे। चुनाव होने से पहले उन्होंने जनता से अनेक प्रकार के वादे किए थे जैसे कि बेरोज़गारी को खत्म करना, भ्रष्टाचार को मिटाना और जनता को रोज़गार देना।
लेकिन तीन साल से अधिक का समय बीत चुका था और इन सभी वादों में से एक भी वादा इनके द्वारा पूरा नहीं किया गया, उल्टा देश में और अधिक बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार एवं देश की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ रही थी। जिसकी वजह से Jovenel Moise के खिलाफ खूब प्रदर्शन हो रहे थे। इनके बारे में कहा जाता है कि शासन करने की सारी ताकत ये सिर्फ अपने पास रखते थे।
किसने Jovenel Moise को मौत की नींद सुलाई?
साथ ही वहाँ के सदन को भी भंग कर दिया था। बात करें हैती के राजनीतिक समीकरण के बारे में तो यहाँ काफी उथल-पुथल मची हुई है। विपक्ष दल के नेताओं का मानना है कि Jovenel Moise का कार्यकाल खत्म हो चुका है, क्योंकि उन्होंने 2015 में चुनाव जीता था। तो दूसरी ओर जोनेवल मोइस का कहना था कि उनका कार्यकाल 2017 से शुरू हुआ है और खत्म 2022 में होगा। इसी वजह से यहाँ काफी समय से इसे लेकर विवाद चल रहा था।
इस हत्या के बारे में अभी तक अधिक जानकारी तो नहीं मिल सकी है। लेकिन कई तथ्य सामने निकल आ रहे हैं। जिनमे पहला यह है कि वहाँ अंतरिम प्रधानमंत्री “क्लॉड जोसेफ” के मुताबिक कुछ डकैत जो कि स्पेनिश भाषा में बात कर रहे थे उन्होंने Jovenel Moise के घर में घुस कर उनकी हत्या की है और उनकी पत्नी को भी काफी चोटें आईं हैं।
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इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि हत्यारों ने अपने आप को “यूएस ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन” का एजेंट बताया जबकि वे थे नहीं और घर के अंदर दाखिल हुए फिर हत्या को अंजाम दिया।
बड़ा सवाल अब यह है कि हैती देश की सत्ता अब कौन संभालेगा?
हैती देश के अनुसार जब भी किसी राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान मृत्यु होती है तब सुप्रीम कोर्ट के प्रेसिडेंट अस्थायी तौर पर देश की सत्ता सँभालते हैं। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से हाल ही में उनकी मृत्यु हो गई है।
इसके बाद दूसरा उपाय यह है कि सदन में अपने नेता का चुनाव कर उसे देश सम्भालने की बागडोर दी जाती है। लेकिन जोवेनल मोइस ने उसे पहले ही भंग कर दिया था और उसके चुनाव इसी साल सितम्बर में होने हैं। ऐसे में अब देश की सारी ज़िम्मेदारी यहाँ के प्रधानमंत्री “क्लॉड जोसेफ” के कंधो पर आ गई है।
जिस देश के राष्ट्रपति को ही मौत के घा देश में हिंसा और माहौल अधिक बिगड़े उससे पहले क्लॉड जोसेफ को कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। बहरहाल, अब देखना यही है कि आखिर जोवेनल मोइस की हत्या में किसका-किसका नाम सामने आता है।