- हिन्द महासागर क्षेत्र में खत्म हुआ मालाबार समुद्री अभ्यास - चार देशों की नौसेनाओं ने चीन को समुद्र में दिखाया दम
नई दिल्ली: क्वाड समूह के चार देशों के बीच हिन्द महासागर क्षेत्र में मालाबार समुद्री अभ्यास के दूसरे चरण के आखिरी दिन शुक्रवार को भारतीय नौसेना के मिग-29केएस और अमेरिकी नेवी के एफ-18एस लड़ाकू विमान एक साथ आसमान में गरजे और लक्ष्य को निशाना बनाया।
इस दौरान मिग-29केएस ने आईएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरी। भारतीय नौसेना का विमान वाहक पोत विक्रमादित्य और अमेरिकी विमान वाहक पोत निमित्ज प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहे। मालाबार युद्धाभ्यास में चारों देशों की सेनाओं ने चीन को समुद्र में दम दिखाया।
मालाबार समुद्री अभ्यास के अंतिम दिन भारतीय नौसेना के मिग 29 और अमेरिकी नेवी के एफ-18 लड़ाकू विमान जमीनी सेना पर हमले का युद्धाभ्यास करते दिखे। लड़ाकू विमानों ने भारतीय विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से उड़ान भरने और लैंडिंग करने का अभ्यास किया।
इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने पहले चरण में 3-6 नवम्बर तक बंगाल की खाड़ी में और दूसरे चरण में 17-20 नवम्बर तक अरब सागर में युद्धाभ्यास किया। इस नौसैन्य अभ्यास में समुद्री मुद्दों पर चार जीवंत लोकतंत्रों के बीच विचारों की समग्रता पर प्रकाश डाला गया। यह अभ्यास ने औपचारिक रूप से क्वाड समूह के चार देशों की नौसेनाओं को एक साथ लाने का काम किया है।
भारतीय नौसेना का नेतृत्व कमांडिंग रियर एडमिरल संजय वात्स्यायन ने किया
मालाबार-20 के पहले चरण में अमेरिकी नौसेना ने यूएसएस जॉन एस मैक्केन, ऑस्ट्रेलिया ने मैजेस्टी ऑफ ऑस्ट्रेलियन शिप एचएमएएस बल्लारत के साथ एमएच-60 हेलीकॉप्टर और जापानी नौसेना ने जेएमएसडीएफ ओनामी के साथ भागीदारी की।
इस चरण में भारतीय नौसेना का नेतृत्व ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय वात्स्यायन ने किया और इसमें विध्वंसक रणविजय, स्वदेशी फ्रिगेट शिवालिक, ऑफशोर पेट्रोल वेसल सुकन्या, फ्लीट शिप शक्ति, पनडुब्बी सिंधुराज, पी-8 आई और डोर्नियर समुद्री टोही विमान शामिल हुए थे।
दूसरे चरण में चारों देशों की नौसेनाओं ने भारतीय नौसेना के विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और यूएस नेवी के निमित्ज़ कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पर केंद्रित संयुक्त अभियानों में भाग लिया। भारत ने 44,500 टन के आईएनएस विक्रमादित्य को अपने मिग-29 के फाइटर जेट्स के साथ तैनात किया।
इसके अलावा भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर एयर-विंग्स, स्वदेशी विध्वंसक कोलकाता और चेन्नई के साथ-साथ स्टील्थ फ्रिगेट तलवार, फ्लीट सपोर्ट जहाज दीपक और इंटीग्रल हेलीकॉप्टर ने भाग लिया जिसकी अगुवाई पश्चिमी बेड़े के कमांडिंग फ्लैग ऑफिसर रियर एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन को सौंपी गई। स्वदेश निर्मित पनडुब्बी खंडेरी और भारतीय नौसेना के पी-8 आई समुद्री टोही विमान ने भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
इसी तरह अमेरिका ने 100,000 टन से अधिक परमाणु चालित यूएसएस निमित्ज वाहक को एफ-18 फाइटर्स और ई-2 सी हॉके के साथ चार दिवसीय सैन्य अभ्यास के लिए भेजा। स्ट्राइक कैरियर निमित्ज में पी-8ए समुद्री टोही विमान के अलावा क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक स्टेरेट इस नौसैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने आये। यूएस नेवी की स्ट्राइक कैरियर निमित्ज में पी-8ए समुद्री टोही विमान के अलावा क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक स्टीरियो भी था।
24वें संस्करण में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना 13 साल बाद शामिल
ई-2 सी हॉके द्वारा क्रॉस-डेक उड़ान संचालन और उन्नत वायु रक्षा अभ्यास सहित उच्च तीव्रता वाले नौसैनिक संचालन में लगे रहे। रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का प्रतिनिधित्व इंटेग्रल हेलीकॉप्टर के साथ-साथ बैलरेट ने किया। जापान की नौसेना जेएमएसडीएफ ने भी इस अभ्यास में विध्वंसक जेएस मुरास्म के साथ भाग लिया। मालाबार के 24वें संस्करण में ऑस्ट्रेलिया की नौसेना 13 साल बाद शामिल होकर क्वाड समूह के नौसैन्य अभ्यास का गवाह बनी।
नौसैन्य अभ्यास के दोनों चरणों के दौरान ‘डुअल कैरियर’ संचालन के अलावा उन्नत सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास, सीमन्सशिप इवोल्यूशन और हथियार से फायरिंग भी की गई जिसमें चारों मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच तालमेल, समन्वय और अंतर-संचालनशीलता का प्रदर्शन किया गया।
युद्ध अभ्यास की मालाबार श्रृंखला भारत और अमेरिका के बीच एक वार्षिक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में 1992 में शुरू की गई थी। इस नौसेना अभ्यास में जापान पहली बार 2015 में शामिल हुआ था। यह वार्षिक नौसैन्य अभ्यास वर्ष 2018 में फिलीपीन सागर में गुआम तट पर आयोजित किया गया। साल 2019 में जापान तट पर हुआ और अब 24वां संस्करण का पहला चरण बंगाल की खाड़ी में और दूसरा चरण अरब सागर में हुआ है।
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