26.1 C
New Delhi
November 21, 2024
देश

गाय के गोबर से ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

नई दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर से तैयार एंटी-वायरल ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ को लॉन्च करते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि “खादी प्राकृतिक पेंट’ ब्रांडिंग के बाद 6,000 करोड़ रुपये का उद्योग होगा।

गडकरी ने अपने आवास पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिले और किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो इसलिए हम खादी ग्रामोद्योग के क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)  के माध्यम से ‘प्राकृतिक पेंट’ तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय बढ़ाने के दृष्टिकोण के साथ जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि खादी प्राकृतिक पेंट जैसी पहल आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दे सकती है और ग्रामीण आबादी के शहरों की तरफ पलायन को रोक सकती है। साथ ही, यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और गायों की रक्षा में भी मददगार होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आर्थिक लाभ को देखते हुए धीरे धीरे पशुपालक गायों को कसाई के पास भेजना बंद कर देगा।

Nitin Gadkari

गडकरी ने बताया कि इस पेंट की कीमत बाज़ार में उपलब्ध अन्य पेंट से भी आधी है। देशभर में इसकी 2-3 हज़ार फैक्ट्री खोली जानी चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक गोशाला को पेंट बनाने के काम से जुड़ना चाहिए। गडकरी ने कहा कि सरकार की भूमिका केवल एक सूत्रधार की है, पेंट का विपणन पेशेवर तरीके से किया जाएगा और देश के सभी कोनों में ले जाया जाएगा। समारोह में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह, एमएसएमई राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना भी उपस्थित थे।

प्राकृतिक पेंट में क्या खासियत है

गाय के गोबर से तैयार ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ पर्यावरण के अनुकूल और विष-रहित है। यह फफूंद-रोधी और जीवाणु-रोधी गुणों के साथ अपनी तरह का पहला उत्‍पाद है। मुख्‍य घटक के रूप में गाय के गोबर पर आधारित यह पेंट किफायती और गंधहीन है। इसे भारतीय मानक ब्‍यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है। डिस्टेंपर और इमल्शन में उपलब्ध यह पेंट ईको फ्रेंडली, नॅान टौक्सिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और वॅाशेबल है और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से प्रमाणित है। इससे पशुधन रखने वाले किसानों को साल में 55 हजार रूपए तक की अतिरिक्त आमदनी होगी।

गाय के गोबर से‘खादी प्राकृतिक पेंट ’ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों यानी डिस्‍टेंपर पेंट तथा प्‍लास्टिक इम्‍यूलेशन पेंट में उपलब्‍ध है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि के अनुसार खादी प्राकृतिक पेंट का उत्‍पादन किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्‍यक्ष द्वारा मार्च, 2020 में इस परियोजना की अवधारणा तैयार की गई थी। इसके बाद कुमारप्‍पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर (केवीआईसी की इकाई) द्वारा इसे विकसित किया गया।

यह पेंट सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम तथा अन्‍य भारी धातुओं से मुक्‍त है। इससे स्‍थानीय निर्माता सशक्‍त बनेंगे और प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण के माध्‍यम से टिकाऊ स्‍थानीय रोजगार पैदा होगा। इस प्रौद्योगिकी से पर्यावरण अनुकूल उत्‍पादों के लिए कच्‍चे माल के तौर पर गाय के गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों तथा गोशालाओं की आय भी बढ़ेगी। एक अनुमान के अनुसार किसानों/गौशालाओं की प्रति वर्ष, प्रति मवेशी लगभग 30,000 रुपये की अतिरिक्‍त आय होगी। गाय के गोबर के इस्‍तेमाल से पर्यावरण भी स्‍वच्‍छ होगा तथा जल निकासी का अवरोध भी दूर होगा।

सब तरह के मानकों पर खरा

तीन प्रख्‍यात राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं- नेशनल टेस्ट हाउस( मुंबई), श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च (नई दिल्ली) और नेशनल टेस्ट हाउस (गाजियाबाद) में खादी प्राकृतिक डिस्‍टेंपर तथा इम्‍यूलेशन पेंट की जांच की गई है। खादी प्राकृतिक इम्‍यूलेशन पेंट बीआईएस 15489-2013 मानकों को पूरा करता है, जबकि खादी प्राकृतिक डिस्‍टेंपर पेंट बीआईएस 428:2013 मानकों को पूरा करता है। 

यह भी पढ़ें: IIT दिल्‍ली के शोधकर्ताओं ने विकसित की ई-कचरा प्रबंधन की नई तकनीक

Related posts

धर्मशाला टी-20 मैचों के लिए टिकटों कर आनलाइन बिक्री शुरू

Buland Dustak

परमाणु सहयोग पर ​भारत-अमेरिका के बढ़े कदम

Buland Dustak

Facebook नहीं होगा बैन, IT के नए डिजिटल नियमों का होगा पालन

Buland Dustak

बीएसएफ: भारत-पाक युद्ध के विजयी योद्धाओं का सम्मान करेगा

Buland Dustak

अभिनेता ऋषि कपूर की दूसरी पारी :बॉलीवुड के अनकहे किस्से  

Buland Dustak

देशव्यापी राम मंदिर निधि समर्पण अभियान हुआ प्रारंभ

Buland Dustak