23.1 C
New Delhi
December 2, 2023
एजुकेशन/करियर

IIT दिल्‍ली के शोधकर्ताओं ने विकसित की ई-कचरा प्रबंधन की नई तकनीक

नई दिल्ली: डिजिटल युग में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का ई-कचरा प्रबंधन व‍िश्‍व के लिए बड़ी चुनौती है। भारत ई-कचरे का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। अकेले 2019 में यहां 3.23 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) ई-कचरा पैदा हुआ है।

इसी बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (IIT)-द‍िल्‍ली के शौधकर्ताओं द्वारा विकसित ई-कचरा प्रबंधन की नई और किफायती तकनीक उम्‍मीद की किरण के रूप में सामने आई है। यह उत्‍सर्जन रहित होने के साथ कचरे से लाभ कमाने में भी मददगार साबित होगी। 

ई-कचरा

IIT-दिल्‍ली में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. के. के. पंत के नेतृत्व में ई-कचरे के खतरे से निपटने के लिए एक स्थायी तकनीक विकसित की है। यह तकनीक केन्द्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित है।

DRIIV की ओर से की गई ई-कचरा प्रबंधन की पहल

दिल्ली अनुसंधान कार्यान्वयन एवं नवाचार (डीआरआईआईवी) की ओर से की गई पहल के तहत इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। विकसित तकनीक विकेंद्रीकृत इकाइयों में धन सृजन के माध्यम से भारत सरकार की “स्मार्ट शहरों,” “स्वच्छ भारत अभियान,” और “आत्मनिभर भारत” पहल की आवश्यकता को पूरा करेगी।

e-waste-management-technology

प्रो. के. के. पंत ने सोमवार को कहा कि ई-कचरे में सीसा, कैडमियम, क्रोमियम, ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट्स या पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल्स जैसे कई विषैले पदार्थ होते हैं। ई-कचरे के अनियमित संचय, लैंडफिलिंग या अनुचित रीसाइक्लिंग प्रक्रियाएं मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बन जाती हैं। इसके विपरीत, ई-कचरे को धातु पुन:प्राप्ति और ऊर्जा उत्पादन के लिए ‘शहरी खान’ भी माना जा सकता है।

उन्‍होंने कहा क‍ि शोध में अपनाई गई पद्धति तीन-चरणीय प्रक्रिया है। पहला, ई-कचरे की पायरोलिसिस, दूसरा धातु के अंश का पृथक्करण और तीसरा अलग-अलग धातुओं की पुन:प्राप्ति। प्रो पंत ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-कचरा) उत्पन्न होना अपरिहार्य है और समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया जाना जल्द ही ठोस कचरे के पहाड़ों को जन्म देगा।

यह भी पढ़ें: PSLV-C51 Launch: इसरो ने अंतरिक्ष में भगवद गीता भेजकर रचा इतिहास, साल का पहला मिशन कामयाब

Related posts

केंद्र सरकार ने 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कि TET Certificate की वैधता

Buland Dustak

गुजरात के धोलेरा में बनेगा दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा एजुकेशन हब

Buland Dustak

IGNOU ने CGAS में लॉन्च किया सर्टिफिकेट कोर्स

Buland Dustak

NTA ने यूजीसी-नेट, डीयू प्रवेश सहित 6 परीक्षाओं की तिथि की घोषित

Buland Dustak

IIT Delhi ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में शुरू किया MTech Course

Buland Dustak

CSAT को सिविल सेवा परीक्षा से अभी हटाने की कोई योजना नहीं

Buland Dustak