विदेश

सात माह की यात्रा के बाद नासा का मार्स रोवर पर्सिवेरेंस मंगल ग्रह पर पहुंचा

लास एंजिलिस: मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशने गए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजे गए मार्स रोवर पर्सिवेरेंस ने अपनी सात महीने की यात्रा (47 करोड़ किमी) करीब-करीब पूरी कर ली है। अबतक का सबसे आधुनिक रोबोटिक एस्ट्रोबायोलाजी लैब कहा जा रहा यह रोवर गुरुवार को अमेरिका के पूर्वी मानक समय (ईएसटी) के मुताबिक दोपहर करीब 3.55 बजे मंगल की सतह पर लैंड करेगा।

जीवन की संभावना के साक्ष्य जुटाना ही लक्ष्य

मंगलवार को मिशन प्रबंधकों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पर्सिवेरेंस की यात्रा के 5.96 लाख किमी बाकी रह गए थे और वह गुरुवार को जेजीरो क्रेटर पर लैंड करने के निर्धारित पथ पर आगे बढ़ रहा था।

जेजीरो क्रेटर वह जगह है जहां कभी झील और नदी डेल्टा हुआ करता था। 2.7 अरब डालर के इस मिशन का प्राथमिक मकसद इस बात के साक्ष्य जुटाना है कि करीब तीन अरब साल पहले शायद मंगल पर सूक्ष्म जीव पनपे हों जब यह ग्रह ज्यादा गर्म, नम और संभवत: जीवन के ज्यादा अनुकूल था। नासा मार्स रोवर

NASA चार मोबाइल साइंस व्हीकल मंगल पर भेज चुका है

नासा इससे पहले चार मोबाइल साइंस व्हीकल मंगल पर भेज चुका है, लेकिन पर्सिवेरेंस ज्यादा बड़ा और परिष्कृत है। इसे मंगल की चट्टानों के नमूने पृथ्वी पर लाने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। ऐसा पहली बार होगा कि जब किसी अन्य ग्रह से ऐसे नमूनों को एकत्रित किया जाएगा।

नासा मार्स रोवर

उड़ान के लिए छोटा हेलीकाप्टर भी है साथ

पर्सिवेरेंस की सफलता से इस निष्कर्ष पर पहुंचने की राह खुल जाएगी कि पृथ्वी से परे कभी जीवन था या नहीं। यह अपने साथ परियोजना से जुड़े कुछ खास उपकरण भी लेकर गया है। इनमें एक बेहद छोटा हेलीकाप्टर शामिल है जिसे दूसरे ग्रह पर नियंत्रित उड़ान परीक्षण के लिए बनाया गया है।

साथ ही इस पर एक ऐसा उपकरण भी है जो मंगल के वातावरण में मौजूद कार्बन डाई आक्साइड को शुद्ध आक्सीजन में तब्दील कर सकता है। इसमें एक वेदर स्टेशन, 19 कैमरे और दो माइक्रोफोन भी लगे हैं, इनकी मदद से नासा को ज्यादा स्पष्ट तस्वीरें मिलने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें: कोयला संयंत्रों के बजाय Renewable Energy की ओर बढ़ाएं कदम

पर्सिवेरेंस को मंगल के वातावरण में प्रवेश के बाद जेजीरो क्रेटर की सतह पर पहुंचने में करीब सात मिनट का समय लगेगा। वातावरण में प्रवेश के समय उसकी रफ्तार 19,300 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है।

सभी प्रणालियां लैंडिंग के लिए तैयार

नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री की परियोजना उपप्रबंधक जैनिफर ट्रास्पर ने बताया, ‘मैं आपको बता सकती हूं कि पर्सिवेरेंस बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहा है, उसकी सभी प्रणालियां लैंडिंग के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने बताया कि मंगल के वातावरण में प्रवेश और लैंडिंग के लिए मिशन इंजीनियरों ने सोमवार रात पर्सिवेरेंस की प्रणालियों को सक्रिय करने के लिए कमांड भेजी थी।

Related posts

पेट्रोल-डीजल में लगातार बढ़ती कीमतों के चलते बढ़ी ईंधन की तस्करी

Buland Dustak

इजरायल-फिलिस्तीन के कई शहरों में भड़का दंगा, हर तरफ तबाही का मंजर

Buland Dustak

डिज्नीलैंडः कल्पनाओं का अनोखा संसार की स्थापना दिवस (17 जुलाई)

Buland Dustak

रूस ने बनाई विश्व की पहली कोरोना वैक्सीन

Buland Dustak

अमेरिका में उड़ने वाली कार को मिली मंजूरी, घर में हो जाएगी पार्किंग

Buland Dustak

आखिर इजराइल का दबदबा कैसे हुआ कायम?

Buland Dustak