भारत में तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना जाता है और इसे अपने घरों में लगाना बेहद ही शुभ माना गया है। अंग्रेजी में इसे “Basil” के नाम से जाना जाता है। इसे अधिकतर रोगों का इलाज माना गया है। तुलसी की पूजा होने के साथ-साथ इसका सेवन करने से भी कई फायदे देखने को मिलते हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वैसे तो कई पौधे मौजूद हैं लेकिन तुलसी को ही शुभ क्यों माना गया है? इसका जवाब है कि तुलसी के जितने फायदे हैं शायद ही किसी अन्य पौधों में देखने को मिले। बड़े से बड़े रोगों में तुलसी का सेवन स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी माना गया है।
तुलसी का सेवन करने से क्या लाभ है?
- जिन व्यक्तियों को भूख कम लगती है उन्हें तुलसी का सेवन ज़रूर करना चाहिए।
- जिन लोगों को भोजन जल्दी नहीं पच पाता या पेट दर्द अथवा पेट संबन्धी अन्य बीमारी होती है, उन्हें तुलसी का सेवन अवश्य करना चाहिए।
- जो व्यक्ति मोटे हैं, तेल-घी का सेवन अधिक करते हों ऐसे में उन्हें इसका सेवन करना चाहिए।
- रक्त को साफ करने के अलावा कमज़ोर ह्रदय को मजबूती प्रदान करती है। जिनको “कफ” की वजह से ह्रदय में दर्द रहता है उन्हें इसका प्रयोग करना चाहिए।
- आज के कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग अपनी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के अलग-अलग तौर तरीके अपना रहे हैं। तुलसी में एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल पाए जाते हैं। ऐसे में इसका प्रयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
सांस संबन्धी रोगों में तुलसी का महत्व:
पहले के समय से ही यह कहा जाता है कि अगर सर्दी, ज़ुखाम, गले में दर्द या कफ की समस्या हो, तो गर्म चीज़ों का प्रयोग किया जाता था और तुलसी का काढ़ा या शहद में मिलाकर उपचार के रूप में दिया जाता था। ऐसे में जिन व्यक्तियों को साँस लेने में कठिनाई होती है उन्हें तुलसी का सेवन करना चाहिए।
तुलसी का त्वचा पर प्रभाव:
तुलसी हमेशा से ही त्वचा पर अपना सकारात्मक प्रभाव ही डालती है। पसीना आना त्वचा तथा शरीर के लिए बेहद ज़रूरी होता है। लेकिन यह जिन लोगों को नहीं आता है जिसके चलते उन्हें “चर्म रोग” होने की समस्या पैदा हो जाती है।
इसके अलावा पसीना ना आने की वजह से अधिक खुजली की बीमारी भी होने के आसार होने लगते हैं। ऐसे में तुलसी का रस निकाल कर अपने शरीर में लगाएँ जहाँ पसीना नहीं आता, चूंकि यह गर्म होती है इस वजह से यह पसीना लाने का कार्य करेगा और चर्म रोग से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित होगा।
तुलसी के फायदे, शरीर में क्या लाभ होते हैं:
तुलसी का दो चम्मच रस निकाल के उसमें शहद मिला देने से अनेक फायदे देखने को मिलेंगे। सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से अधिक लाभ मिल सकता है। जैसे अमाशय या आंतों के रोग कम होने शुरू हो जाएंगे। जो व्यक्ति अपना वज़न कम करना चाहता हो वह इसका सेवन कर सकता है।
अगर जिस व्यक्ति को सिर दर्द की समस्या अधिक होती है या कफ की वजह से अधिकतर नाक बन्द होती है, ऐसे में वह इसका प्रयोग कर सकते हैं। जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर है वह भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। तुसली का तेल शरीर में लगाना काफी लाभदायक होता है। यह साँस संबधी बीमारियों से राहत दिलाता है।
साथ ही जिनको बालों में रूसी की परेशानी होती है वह इस तेल को अपने बालों में लगा सकते हैं। कई लोग तुलसी का पत्ता चबाते हैं। लेकिन वह इतना लाभकारी नहीं होता है। इसके बदले काढ़ा या रस बनाकर इसका सेवन करने से यह अधिक कारगर साबित होगा।
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तुलसी का अधिक सेवन से क्या नुकसान हैं:
किसी भी चीज़ का अगर हम सही ढंग से उपयोग नहीं करेंगे या ज़रूरत से अधिक सेवन करेंगे तो ज़ाहिर तौर पर वह हमारे लिए हानिकारक ही साबित होगी। ऐसे तुलसी का अधिक सेवन करने से कुछ गलत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
- तुलसी में “हाइपोग्लाइसेमिक” पाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति “शुगर” का मरीज़ है तो उनके लिए तुलसी का अधिक सेवन करना सही नहीं होगा क्योंकि यह शुगर लेवेल को कम करता है।
- इसका अधिक सेवन अगर कोई आम व्यक्ति भी करे जिसे कोई रोग ना हो तो उसका रक्त पतला हो सकता है।
- चूंकि तुलसी गर्म होती है। ऐसे में ज़रूरत से अधिक इसका सेवन करने से पेट में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- तुलसी में “पारा” धातु पाई जाती है। इस वजह से हमें इसकी पत्ती को चबाने के बजाए निगल कर इसका सेवन करें तो ज़्यादा फायदेमन्द होगा।
इस प्रकार से तुलसी के अनेक फायदे तथा नुकसान मौजूद हैं। बड़ी बात यह है कि तुलसी को “माँ” का दर्जा मिला है। लेकिन आज विज्ञान की चकाचौंध में हम तुलसी का महत्व भूलते जा रहे हैं, जो कि निराशाजनक है। आयुर्वेद में तुलसी को औषधि माना गया है। साथ ही इसके कई लाभ भी बताए गए हैं। अगर हम तुलसी का सेवन सही तरीके से और सीमित मात्रा में करें तो इसके कई लाभ हमें देखने को मिल सकते हैं।
-यशस्वी सिंह