35.1 C
New Delhi
July 27, 2024
हेल्थ

पेट के बल लेटकर ऑक्सीजन की कमी को कर सकते हैं दूर

-ऑक्सीजन स्तर 94 से कम होने पर पेट के बल लेंटे, मिलेगी राहत 
-गर्भवती माताएं, हृदय एवं स्पाइन रोगी पेट के बल सोने से करें परहेज

सीतापुर: अगर आपका ऑक्सीजन स्तर थोड़ा गिर रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है, आप पेट के बल लेट कर अपना ऑक्सीजन स्तर बढ़ा सकते हैं। सीतापुर की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला ने जनता से अपील की है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उपचाराधीन में ऑक्सीजन की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है।

पेट के बल

शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में पोस्टर के माध्यम से विस्तार से जानकारी भी दी है।

पेट के बल लेटने के लिए 4 से 5 तकिए की जरूरत 

यदि किसी कोरोना पॉजिटिव को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं ऑक्सीजन लेवल 94 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी गयी है। इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं।

इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जांच, पल्सऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जाँच, ब्लड प्रेसर एवं शुगर की नियमित जाँच होनी चाहिए।

Dr Madhu Garola
सोने के चार पोजीशन फायदेमंद

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की चार पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है, जिसमें 30 मिनट से दो घन्टे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घन्टे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घन्टे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घन्टे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठने की सलाह दी गयी है। यद्यपि, सभी प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने की भी सलाह दी है ।

इन बातों का रखें ख्याल
  • खाने के एक घण्टे तक पेट के बल सोने से परहेज करें
  • पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकतें हैं उतना ही सोने का प्रयास करें
  • तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो

इन परिस्थितियों में पेट के बल सोने से बचें: गर्भावस्था के दौरान वेनस थ्रोम्बोसिस (नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या) गंभीर हृदय रोग में स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में पेट के बल लेटने से परहेज करना चाहिए।

Read More: 1 मई से 18 साल से ऊपर सभी नागरिकों को लगेगी कोरोना वैक्सीन

Related posts

व्यायाम का महत्व: कई रोगों से निजात पाने की रामबाण औषधि

Buland Dustak

ZIKA VIRUS: जानें, किस तरह फैलता है यह संक्रमण

Buland Dustak

वायु प्रदूषण से बढ़ रही हैं फेफड़े और दिल से जुड़ी घातक बीमारियां

Buland Dustak

गिलोय : आयुर्वेद से कटेगा कोरोना, गिलोय गोली का सफल परीक्षण

Buland Dustak

सावधानी: गर्भावस्था में एक साथ न खाएं आयरन-कैल्शियम की गोलियां

Buland Dustak

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नींबू का सेवन करें, रेट में बढ़ोत्तरी, मांग बढ़ी

Buland Dustak