भारतीय सिनेमा के इतिहास में देव आनंद का नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा जा चुका है। अभिनेता Dev Anand आज नहीं है, लेकिन अपने बेहतरीन अभिनय की बदौलत वह आज भी अपने चाहने वालों के दिलों पर राज करते हैं।
26 सितम्बर, 1923 को जन्मे देव आनंद का पूरा नाम धर्मदेव आनंद था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1946 में फिल्म ‘हम एक है’ से की। इस फिल्म में Dev Anand को गुरुदत्त के साथ अभिनय करने का मौका मिला।
साल 1948 में देव आनंद बॉम्बे टाकीज प्रोडक्शन की फिल्म ‘जिद्दी’ में मुख्य भूमिका में नजर आए। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई। इस फिल्म की सफलता ने उनको सुपरस्टार का दर्जा दिलाया।
साल 1949 में देव आनंद ने अपनी एक फिल्म कंपनी खोल ली जिसका नाम उन्होंने नवकेतन रखा। Dev Anand फिल्म अभिनेता के साथ-साथ फिल्म निर्देशक भी बन गए थे।
यादगार अभिनय
Dev Anand ने कई फिल्मों में यादगार अभिनय किया जिसमें बाजी, हेरा-फेरी, ज्वैल थीफ, हम दोनों, काला पानी, तेरे घर के सामने, टैक्सी ड्राइवर, पेइंग गेस्ट, सीआइडी, फंटूस, गाइड, जॉनी मेरा नाम, प्रेम पुजारी, तेरे मेरे सपने, हीरा पन्ना, छुपे रुस्तम और तीन देवियां आदि शामिल हैं।
इन फिल्मों में इनके अभिनय ने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी। फिल्मों के बाद की गिनती सदाबहार अभिनेताओं में होने लगी। साल 1954 में देव ने कल्पना कार्तिक से शादी कर ली।
देव आनंद को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया
देव आनंद ने निर्माता के रूप में “मैं सोलह बरस की” और “देस परदेस “में काम किया। इनको फिल्म जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए साल 2001 में पद्म भूषण और साल 2002 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
बतौर निर्देशक उन्होंने कई फिल्में बनाई, जिसमें प्रेम पुजारी, हरे रामा हरे कृष्णा, हीरा पन्ना, हम नौजवान, अव्वल नंबर और मिस्टर प्राइम मिनिस्टर आदि शामिल हैं। 3 दिसंबर, 2011 को सदा मुस्कुराते रहने वाले उनका 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
देव आनंद ने फिल्म जगत में जो मकाम हासिल किया था वह हर किसी के लिए संभव नहीं हैं। भारतीय सिनेमा के इतिहास में वह सदैव अमर रहेंगे।
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