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December 8, 2024
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विज्ञान दिवस : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कारों की सूचनाओं से लैस डेटाबेस होगा लॉन्च

 - आजादी से अबतक राष्ट्रीय पुरस्कार लेने वाले वैज्ञानिकों की होगी जानकारी

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर डॉ हर्षवर्धन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पुरस्कारों पर आधारित सूचनाओं से लैस एक ऑनलाइन डेटाबेस लॉन्च करेंगे। साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवार्ड इन्फॉर्मेशन रिट्रीवल सिस्टम (स्टेयरस) नामक यह डेटाबेस स्वतंत्रता से पहले से लेकर अब तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पुरस्कृत भारतीय पेशेवरों के बारे जानकारी उपलब्ध कराएगा।

यह अनूठी पहल भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गई है, जो वैज्ञानिक समुदाय के साथ-साथ नीति निर्धारकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकती है। इस डेटाबेस की मदद से पुरस्कारों, पुरस्कृत व्यक्तियों और प्रायोजकों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

 डॉ. हर्षवर्धन इस अवसर पर विदेशों में कार्यरत भारतीय मूल के शिक्षाविदों एवं शोधकर्ताओं से संबंधित एक अन्य डेटाबेस भी लॉन्च करेंगे। यह डेटाबेस मौजूदा दौर में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस डेटाबेस में भारतीय मूल के 23,472 शिक्षाविद एवं शोधकर्ता शामिल किए गए हैं। इस परियोजना के अंतर्गत, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के 2700 से अधिक विश्वविद्यालयों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों की वेबसाइट्स को खंगालने के बाद यह डेटाबेस तैयार किया गया है।

इस मौके पर नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय संचार पुरस्कार, साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) वुमन-एक्सिलेंस अवार्ड और ‘अवसर’ (ऑग्मेंटिंग राइटिंग स्किल्स फॉर आर्टिकुलेटिंग रिसर्च) प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इन पुरस्कारों के रूप में नकद राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते हैं।

28 फरवरी को मनाया जाता है विज्ञान दिवस

सर सीवी रमन को याद करते हुए हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वालेसर सीवी रमन पहले एशियाई थे। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 1930 में की गई उनकी खोज ‘रमन प्रभाव’ के लिए मिला था। एनसीएसटीसी की पहल पर वर्ष 1987 से हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर पूरे देश में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इनमें वैज्ञानिकों के व्याख्यान, निबंध लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, सेमिनार तथा संगोष्ठी इत्यादि कार्यक्रम शामिल रहते हैं। आम लोगों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि और वैज्ञानिक चेतना जागृत करने के उद्देश्य से ये कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

यह भी पढ़ें- IGNOU ने पर्यावरण विज्ञान में शुरू की MSc., उत्तराखंड में होगा अध्ययन केन्द्र

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