नई दिल्ली, 21 सितम्बर।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो छात्रों की ओर से बकाया फीस जमा नहीं करने पर ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी नहीं करने पर दिल्ली सरकार और रामजस स्कूल के आनंद पर्वत ब्रांच को नोटिस जारी किया है। जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने 30 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
रामजस स्कूल में पढ़नेवाले दो छात्रों की ओर से उसके पिता दलीप कुमार ने याचिका दायर किया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा है कि बकाया फीस की वजह से कोई स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दोनों छात्रों को दाखिले के लिए ट्रासंफर सर्टिफिकेट की जरुरत होगी। रामजस स्कूल की ओर से दोनों बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोकने का फैसला संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है।
दोनों बच्चे रामजस स्कूल के छात्र
एक छात्र ने दसवीं कक्षा पास किया है जबकि दूसरा पांचवी पास किया है। दोनों बच्चे रामजस स्कूल में नर्सरी स्कूल से पढ़ रहे थे। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को एकेडमिक सत्र 2019-20 में अपने व्यवसाय में काफी घाटा हुआ। फिलहाल वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। अभी उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वे स्कूल का फीस दे सकें। इसी वजह से याचिकाकर्ता ने दोनों बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूल में दाखिला कराना चाहते हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए याचिकाकर्ता ने रामजस स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने की मांग की।
रामजस स्कूल ने पिछले 2 सितंबर को दोनों छात्रों की बकाया फीस 76,300 रुपये और एक लाख एक हजार तीन सौ रुपये जमा करने का नोटिस भेजा। स्कूल की ओर से बकाया फीस चुकाने की स्थिति न होने पर याचिकाकर्ता ने स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट और मार्कशीट जारी करने की मांग की। लेकिन स्कूल ने कहा कि बिना बकाया फीस चुकाए ट्रांसफर सर्टिफिकेट और मार्कशीट जारी नहीं करेगा। उसके बाद याचिकाकर्ता ने दिल्ली के शिक्षा निदेशालय से भी अपनी बात रखी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।