15.1 C
New Delhi
January 17, 2025
एजुकेशन/करियर

नई शिक्षा नीति में मूलभूत बदलाव पर डीटीए ने नाराजगी जताई

नई दिल्ली: दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति में मूलभूत बदलाव पर नाराजगी जताई है। एसोसिएशन का मानना है कि नई शिक्षा नीति में कई ऐसे नये नियम शामिल हैं जो देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए शिक्षा ग्रहण करने में अड़चन पैदा करेगी।

डीटीए के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन’ ने कहा कि नई शिक्षा नीति में अब किसी संस्थान व कॉलेज में तीन हजार से कम छात्रों के होने पर सरकार उसकी मान्यता रदद् कर देगी। इससे बहुत से संस्थान बंद हो जाएंगे या फिर सरकार उन्हें मर्ज कर देगी। उन्होंने बताया है कि डीयू में बहुत से ऐसे कॉलेज हैं जहां दो से ढाई हजार के बीच छात्रों की संख्या है। बदलाव के बाद अब इन कॉलेजों को बंद किया जाएगा या फिर दो कॉलेजों को आपस में जोड़कर एक कॉलेज बना दिया जाएगा।

उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में इन संस्थानों को सरकार स्वायत घोषित कर ‘स्व वित्त पोषित ‘बनाने की कोशिश कर रही है। स्व वित्त पोषित संस्थान को चलाने के लिए छात्रों की फीस के माध्यम से वसूली करेगी, जिससे आम आदमी के बच्चे इनमें प्रवेश से वंचित रह जाएंगे।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन की शिक्षा नीति बदलाव पर नाराजगी
शिक्षा नीति बदलाव पर नाराजगी

प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि नई शिक्षा नीति में ऐसे संस्थानों को बंद करने का नियम बनाया गया है जो सेल्फ एम्प्लायमेंट के लिए और मैनेजमेंट एजुकेशन के लिए खोले गए थे। उन्हें सरकार अब बंद कर आपस में मिलाकर एक बृहत संस्था में बदलने की योजना बनाएगी, जिसमें आईआईटी, आईआईएम, आईआईएमसी और आईएफटीआई शामिल हैं। इन्हें आपस में जोड़कर स्व वित्त पोषित घोषित कर पूरी तरह ऑटोनॉमस बनाकर सरकार इनकी वित्तीय जिम्मेदारी से स्वयं को मुक्त कर लेगी।

सरकार ने खत्म की एमफिल

सरकार ने एमफिल को खत्म कर देने की योजना बनाई है। अब सीधे पीएचडी में छात्र प्रवेश लेंगे। चूंकि उच्च शिक्षा में कई तरह के स्तरीयकरण किए गए हैं, इसलिए शोध कार्य के प्रति छात्रों में रुचि कम हो जाएगी। उन्होंने बताया है कि अमेरिका की तर्ज पर अब मल्टी डिसीप्लेनरी एजुकेशन रिसर्च का नियम बनाया जाएगा। इसके तहत अब किसी विषय के माध्यम से रिसर्च में जाने का प्रावधान खत्म हो जाएगा अर्थात अब किसी भी विषय का व्यक्ति किसी दूसरे विषय में शोध कार्य कर सकते हैं। यह शिक्षा नीति बदलाव नियम शोध कार्य में विषय की वरीयता को खत्म कर देगा। 

यूजीसी को खत्म करने की निंदा

प्रोफेसर सुमन का कहना है कि सरकार ने यूजीसी को समाप्त कर उसके स्थान पर राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा शोध संस्थान का गठन करने की आलोचना की है और कहा कि यूजीसी के खत्म होने से जो भारत सरकार शिक्षा संबंधी कड़े कदम उठाती थी तथा मौलिक अधिकारों के तहत शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने का प्रयास करती थी, वह स्थिति अब खत्म हो गई है। जाहिर है कि संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों की सरकार ने सीमा निर्धारित कर दी है। अब शिक्षा संबंधी मौलिक अधिकार के माध्यम से कोई व्यक्ति कानून का दरवाजा नहीं खटखटा सकता। 

राष्ट्रीय शिक्षा आयोग

प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि सरकार ने एक राष्ट्रीय शिक्षा आयोग बनाने का फैसला किया है, जिसके अध्यक्ष शिक्षा मंत्री होंगे और उसकी देखरेख के लिए केबिनेट के कुछ मंत्री, राज्य सरकारों के कुछ अधिकारी तथा नीति आयोग के अधिकारी रखे जाएंगे। यह संस्था नीति नियमों को निर्धारित करने के लिए ही होगी। चूंकि भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति बदलाव के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शिक्षा विभाग को अलग कर शिक्षा मंत्रालय बनाया है। अब शिक्षा संबंधी सभी कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आ जाएंगे। यही स्थिति अब राज्य सरकारों की भी होगी।

उनका यह भी कहना है कि शिक्षा मंत्रालय बन जाने से नीति और नियम सरकार बनाएगी। सरकार का हस्तक्षेप सिर्फ नीति नियमों तक ही होगा। प्रोफेसर सुमन का कहना है कि नई शिक्षा नीति में समाज विज्ञान और भाषा संबंधी विषयों में लोगों की रुचि कम होगी, रोजगारपरक विषयों के लिए छात्र मिले-जुले इंट्रीगर्ल कोर्स के विषयों के शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेंगे। अब उच्च शिक्षा में डिग्री का महत्व कम हो जाएगा, क्योंकि निजी क्षेत्र में शिक्षा के जाने से उसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं जाएगा।

Read more: नई शिक्षा नीति लागू, फिर शिक्षा मंत्रालय कहलाएगा एचआरडी

Related posts

भारत पहला देश जो स्कूली शिक्षा से सिखाएगा Artificial Intelligence

Buland Dustak

शिक्षा मंत्रालय ने 4 वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम को किया अधिसूचित

Buland Dustak

जेईई मेन-2021 के मार्च सत्र के परिणाम में 13 उम्मीदवारों ने 100 परसेंटाइल किया स्कोर

Buland Dustak

नई शिक्षा नीति बच्चों को आर्टिफिशियल से इफेक्टिव इंटेलिजेंस की ओर ले जाएगी

Buland Dustak

आईआईटी कानपुर ने National Centre for geodesy का किया शुभारंभ

Buland Dustak

उप्रः स्कूलों में 01 सितम्बर से पठन-पाठन की तैयारी शुरू करने के निर्देश

Buland Dustak