नई दिल्ली: मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की चौथी सीरीज की बिक्री जारी है। चौथी सीरीज के तहत निवेशक शुक्रवार यानी 16 जुलाई तक गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकेंगे। आम निवेशक एक ग्राम से लेकर चार किलोग्राम तक के गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की चौथी सीरीज के तहत सोने की कीमत प्रति ग्राम चार हजार,807 रुपये तय की है। रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है की जो लोग ऑनलाइन आवेदन करके डिजिटल पेमेंट के जरिए Sovereign Gold Bond खरीदेंगे, उन्हें पहले की तीन सीरीज की तरह ही इस बार भी प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। इस तरह ऑनलाइन खरीदारी करके निवेशक 4,757 रुपये प्रति ग्राम की दर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने इस साल कुल छह सीरीज में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री करने का ऐलान किया था। इसकी पहली सीरीज 17 मई को जारी हुई थी और 21 मई तक बिक्री के लिए खुली रही।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पांचवी सीरीज 9 अगस्त को बिक्री के लिए खुलेगी
इसी तरह दूसरी सीरीज 24 मई को जारी होकर 28 मई को बंद हुई। तीसरी सीरीज 31 मई को शुरू होकर चार जून तक बिक्री के लिए खुली रही। वहीं चौथी सीरीज सोमवार को बिक्री के लिए खुली है और इसमें शुक्रवार तक निवेश किया जा सकेगा।
इसी तरह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पांचवी सीरीज नौ अगस्त को बिक्री के लिए खुलेगी और उसमें 13 अगस्त तक निवेश किया जा सकेगा। जबकि Sovereign Gold Bond की आखिरी सीरीज 30 अगस्त को जारी की जाएगी, जिसे तीन सितंबर तक लिया जा सकेगा।
आपको बता दें कि यह एक सरकारी बॉन्ड है, इसका मूल्य सोने के वजन के रूप में तय किया जाता है। मतलब बॉन्ड की कीमत सोने की प्रति ग्राम कीमत के हिसाब से तय की जाएगी। बॉन्ड जितने ग्राम सोने की वैल्यू का होगा, उसकी खरीद या बिक्री की दर भी उतने ग्राम सोने के बराबर ही होगी।
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इन बॉन्ड्स को भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से जारी करता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इश्यू प्राइस (शुरुआती खरीदी मूल्य) पर ढाई फीसदी का फिक्स्ड ब्याज मिलता है। इसकी परिपक्वता अवधि आठ साल की है।
1 ग्राम से लेकर 4 किलो वजन तक की वैल्यू वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है
नियमों के अनुसार मेच्योरिटी पीरियड के बाद इस बॉन्ड से होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता है। साथ ही हर छह महीने में मिलने वाले ब्याज पर भी किसी भी तरह की टैक्सी कटौती नहीं होती है।
नियमों के मुताबिक कोई भी निवेशक एक वित्त वर्ष में एक ग्राम से लेकर चार किलो वजन तक की वैल्यू वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। इसी तरह किसी ट्रस्ट के लिए इसकी खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। इसमें निवेश करने वाले निवेशक पांच साल की अवधि पूरा होने के बाद मेच्योरिटी पीरियड के पहले भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की चौथी सीरीज की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा 07, 08 और 09 जुलाई की क्लोजिंग प्राइस के औसत के आधार पर तय की गई है। इसकी कीमत 24 कैरेट सोने की शुद्धता (999) के आधार पर जारी की गई है।
आपको बता दें कि सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत 2015 में की थी। आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में इस बॉन्ड के जरिये करीब 65 टन सोना बेचा गया था। गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के रूप में शुरू किए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को फिजिकल गोल्ड के विकल्प के तौर पर शुरू किया गया था।