बिजनेस

रिटेल व्‍यापार को बेहतर बनाने के लिए शुरू व्यापार स्वराज्य अभियान

-कैट ने वालमार्ट और अमेजन के खिलाफ छेड़ा आर-पार की लड़ाई अभियान

नई दिल्‍ली: गांधी जयंती के अवसर पर कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को एक राष्ट्रीय अभियान ‘व्यापार स्वराज्य’ चलाने का ऐलान किया है। कैट ने यह अभियान चीन पर भारत के व्यापार की निर्भरता को समाप्त करने और देश के रिटेल व्यापार को बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों एवं अन्य विदेशी कंपनियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए किया है।

रिटेल व्‍यापार

कैट का ‘व्यापार स्वराज्य’ अभियान 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत पहल के आह्वान को जमीनी स्तर तक सफल बनाने के लिए चलाएगा। इस अभियान के तहत देश के घरेलू व्यापार को चीन सहित अन्य विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के आक्रमण से मुक्त कराने के लिए देश के सभी राज्यों के शहरों, गांवों और कस्बों में करीब 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों के माध्यम से चलाया जाएगा। इस अभियान के लिए कैट ने एक चार्टर भी जारी किया है। 

भारत के व्यापार पर पहला हक़ भारतीय कारो‍बारियों का है

इस अवसर पर कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अब यह वालमार्ट एवं अमेजन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के साथ भारत के 7 करोड़ व्यापारियों की आर-पार की लड़ाई है। उन्‍होंने कहा कि एफडीआई पॉलिसी का सख्ती से पालन होना चाहिए। यदि उसका उल्लंघन होता है तो कंपनियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे। उन्‍होंने कहा कि भारत के रिटेल व्यापार को विदेशी कंपनियां की मनमर्जी के कारण बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। क्‍योंकि भारत के व्यापार पर पहला हक़ भारतीय कारो‍बारियों का है। खंडेलवाल ने कह कि अब कैट के नेतृत्व में देशभर के व्यापारी अपने हक़ की लड़ाई लड़ेंगे। 

खंडेलवाल ने व्यापार स्वराज्य अभियान के लिए चार्टर जारी करते हुए कहा कि चार्टर में ई-कॉमर्स व्यापार के लिए तुरंत ई-कॉमर्स पालिसी जारी हो, ई-कॉमर्स व्यापार पर नजर रखने के लिए एक रेग्‍युलेटरी अथॉरिटी का गठन हो। साथ ही घरेलू व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की भी घोषणा हो। इसके अलावा राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का तुरंत गठन, जीएसटी कानून की दोबारा समीक्षा कर उसको सरल बनाया जाए और सभी प्रकार के लाइसेंस को निरस्त कर एक लाइसेंस की व्यवस्था हो।

Read More: अमेजॉन फ्लिपकार्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सीसीआई की अपील

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