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July 27, 2024
बिजनेस

डाटा के इस्तेमाल और इसके दुरुपयोग को रोकने के नियम तय करेगी सरकार

नई दिल्ली: किसी भी उद्योग के विकास के लिए डाटा के इस्तेमाल को लेकर सरकार जल्द ही नियम तय करने की तैयारी में है। साथ ही डाटा तक अनधिकृत व्यक्तियों की पहुंच को रोकने और डाटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सेफगार्ड तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय ई-कॉमर्स पॉलिसी के मसौदे में यह प्रस्ताव दिया गया है। पॉलिसी में कहा गया है कि सरकार निजी और गैर-निजी डाटा पर नियम तैयार करने की प्रक्रिया में है। हालांकि, यह पॉलिसी अभी विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है।

मसौदे में कहा गया है कि औद्योगिक विकास के लिए डाटा शेयर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साझा करने की व्यवस्था के लिए डाटा के नियम तय किए जाएंगे। इसमें आगे कहा गया है, ‘‘सरकार किसी उद्योग के विकास जैसे ई-कॉमर्स, उपभोक्ता संरक्षण, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और कानून के प्रवर्तन के लिए डाटा के इस्तेमाल के नियम तय करेगी। इन नियमों में कराधान भी शामिल है जहां ये नियम पहले मौजूद नहीं हैं।’’

डाटा का इस्तेमाल

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के साथ हुई बैठक

मसौदे के अनुसार सरकार मानती है कि डाटा एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है। भारत के आंकड़ों का इस्तेमाल पहले भारतीय इकाइयां करेंगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के शीर्ष अधिकारी की अध्यक्षता में शनिवार हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक में इस मसौदे पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कहा गया है कि ई-कॉमर्स परिचालकों को यह सुनिचित करना होगा कि उनके द्वारा इस्तेमाल ‘एल्गोरिदम’ (आंकड़ों को हल करने के नियमों की प्रणाली) पक्षपातपूर्ण ना हो।

इसमें कहा गया कि उपभोक्ताओं को बिक्री के लिए पेश वस्तुओं और सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां मिलनी चाहिए। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए कि संबंधित उत्पाद का मूलदेश कौन सा है और भारत में इसमें क्या वैल्यू एडीशन किया गया है।

ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए होंगे कुछ नियम

मसौदे में कहा गया है कि उचित प्रतिस्पर्धा के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां अपने पंजीकृत सभी विक्रेताओं/वेंडरों के साथ एकसमान पेश आएं। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले उत्पाद नकली और फर्जी ना हों। इसके लिए उन्हें जरूरी सेफगार्ड तैयार करने होंगे। यदि ई-कॉमर्स कंपनी की मंच से जाली या फर्जी उत्पाद बेचा जाता है तो इसकी जिम्मेदारी ऑनलाइन कंपनी और विक्रेता की होगी।

मसौदे में यह भी कहा गया है कि ई-कामर्स कंपनी को सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी उपभोक्ता गलत जानकारी देकर पंजीकरण करके उसके मंच का गलत इस्तेमाल ना कर सके, सरकार इसे लेकर भी कड़े नियम बनाने की तैयारी कर रही है।

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