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March 29, 2024
बिजनेस

15 जून के बाद जरूरी होगी गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग

नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना संकट को देखते हुए सोने के आभूषणों (गोल्ड ज्वेलरी) पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग करने के नियम को लागू करने की समय सीमा एकबार फिर बढ़ा दी गई है। सोने का कारोबार करने वालों की मांग पर इसबार समय सीमा में 15 दिन की बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार के नए फैसले के मुताबिक सोने के आभूषणों पर 15 जून से अनिवार्य हॉलमार्किंग करने का नियम लागू हो जाएगा। पहले यह नियम 1 जून से लागू होने वाला था।

गोल्ड ज्वेलरी हॉलमार्किंग

आपको बता दें कि सोने की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी और उसमें मिलावट की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार सोने के आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग कराने का नियम लागू करना चाहती है। इसके लिए केंद्र सरकार कई बार तारीखों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन कई व्यावहारिक परेशानियों के कारण बार-बार इसकी समय सीमा बढ़ाई जाती रही है। पिछले दो बार से कोरोना संकट के कारण इसकी समय सीमा बढ़ाई गई है।

इस बार भी व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के साथ ही सोने का कारोबार करने वाले कारोबारियों ने भी कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार से अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने की तारीख को बढ़ाने की मांग की थी। इन कारोबारियों का कहना था कि कोरोना संकट के कारण वे हॉलमार्किंग से जुड़ी तैयारियां नहीं कर सके हैं। अब सरकार ने समय सीमा 15 दिन बढ़ा दी है, ताकि वे हॉलमार्किंग के लिए सारी तैयारियां कर लें। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 15 जून से सोने के आभूषण बेचने की नई व्यवस्था लागू कराने के लिए एक समिति का भी गठन किया है। ये समिति हॉलमार्किंग से जुड़े तमाम मुद्दों का समाधान करेगी।

jewellery-designs

अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार है गोल्ड ज्वेलरी हॉलमार्किंग सिस्टम

आपको बता दें कि देशभर में गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग लागू करने के लिए सबसे पहले जनवरी 2021 का समय निर्धारित किया गया था। लेकिन व्यावहारिक परेशानियों की वजह से इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। सोने के आभूषणों के हॉलमार्किंग का नियम लागू हो जाने के बाद सिर्फ 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के स्वर्ण आभूषणों की ही बिक्री होगी।

हॉल मार्किंग की प्रक्रिया में बीआईएस की मुहर, सोने के कैरेट की जानकारी, आभूषण बनाने का साल और ज्वेलर का नाम दर्ज होगा। बीआईएस हॉलमार्किंग का सिस्टम अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप तैयार किया गया है। इससे एक बार हॉल मार्किंग लागू हो जाने के बाद सोने के कारोबार में पारदर्शिता काफी बढ़ जाएगी।

गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग के संबंध में सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि घरों में पहले से पड़े सोने के गहनों को भी निर्धारित शुल्क देकर हॉलमार्क कराया जा सकता है। हॉलमार्किंग का नियम लागू हो जाने के बाद बिना हॉलमार्क वाले गहनों को बेचने पर आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए सरकार ने सभी लोगों से अपने पुराने गहनों को समय रहते हॉलमार्क करा लेने की अपील की है।

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