नई दिल्ली, 15 फरवरी
केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सोमवार को कहा कि जिओ स्पेशियल (Geospatial Data) (भू-स्थानिक) दिशा-निर्देशों को उदार बनाने का सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे एक लाख करोड़ रुपये की जिओ-स्पेशियल अर्थव्यवस्था बन सकेगी।
मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि इससे विज्ञान को जन-आंदोलन बनाने और देश की जनता को न्यू इंडिया का उपहार देने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन-शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा उपस्थित थे।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रौद्योगिकियों की नई पीढ़ी हाइपर-रेजुलेशन मैप का इस्तेमाल करेगी। भारतीय कंपनियों के लिए डेटा की उपलब्धता और आधुनिक मैपिंग प्रौद्योगिकियां आत्मनिर्भर भारत की सोच और पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की सोच को साकार बनाने में महत्वपूर्ण भी हैं।
Geospatial Data रहेगा निर्बाध रूप से उपलब्ध
डॉ. हर्ष वर्धन ने स्पष्ट किया जिओ-स्पेशियल डेटा अब निर्बाध रूप से उपलब्ध रहेगा और इसके इस्तेमाल के लिए जो नीतियां और दिशा-निर्देश थे, उन्हें समाप्त कर दिया गया है, जो वैश्विक स्तर पर तेजी से उपलब्ध है, उस पर प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते।
भारतीय कंपनियों के लिए पूरी तरह कोई प्रतिबंध नहीं होंगे और मैप समेत जिओ-स्पेशियल डेटा और जिओ-स्पेशियल डेटा सेवाओं के संकलन और प्राप्ति के लिए कोई पूर्व अनुमति, सुरक्षा मंजूरी, लाइसेंस आदि की जरूरत नहीं होगी।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्र ने पहली बार जिओ-स्पेशियल मैप मेकिंग को पूरी तरह नियंत्रण मुक्त करने और भारत में जिओ-स्पेशियल (Geospatial Data) क्षेत्र को मुक्त बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में किए गए विभिन्न सुधारों की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि आज की घोषणा जिओ-मैपिंग को मुक्त करके प्रतिबंधित उपयोग से व्यापक उपयोग का मार्ग प्रशस्त करती है और यह राष्ट्र निर्माण तथा आत्मनिर्भर भारत बनाने के हित में है।
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