- इंडिया पब्लिक पॉलिसी प्रमुख ने बताई निजी वजह - ट्विटर पर सक्रिय हैं ज्यादातर किसान संगठन - ट्विटर के प्रति जारी है सरकार का सख्त रवैया
नई दिल्ली: ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी हेड महिमा कौल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को किसान प्रदर्शन से जोड़ कर देखा जा रहा है। हालांकि कौल का कहना है कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। वह 2015 से इस पद पर कार्यरत थीं।
दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले करीब ढाई महीने से देश में आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन में हिस्सा ले रहे ज्यादातर किसान संगठन ट्विटर के जरिए अपनी बात रख रहे हैं। कई देशी-विदेशी संगठन भी ट्विटर के जरिए किसानों के आंदोलन के समर्थन में उतर रहे हैं।
यह भी माना जा रहा है कि 26 जनवरी की किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर भी लोगों को ट्विटर के जरिए ही उकसाया जा रहा था। इसके बाद सरकार ने ट्विटर के प्रति सख्त रवैया अपनाया है।
इस्तीफे की वजह किसानों का समर्थन बताई जा रही
हालांकि, महिमा कौल का कहना है उनके इस्तीफे का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। वह कुछ समय की छुट्टी लेने के लिए अपने पद से हट रही हैं। महिमा का यह भी कहना है कि इस साल की शुरुआत में ही उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था।
वहीं, ट्विटर के वैश्विक नीति प्रमुख मोनिक मेहे ने कहा है कि महिमा कौल का जाना हमारे लिए बड़ा नुकसान है। वह हमारे साथ पांच साल से ज्यादा समय से जुड़ी थीं। हम उनकी इच्छा का सम्मान करते हैं। अभी महिमा कौल मार्च तक अपने पद पर बनी रहेंगी और हम उनके इस फैसले का पूरा सम्मान करते हैं।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन की वजह से ट्विटर कई विवादों का सामना कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ‘किसानों के नरसंहार’ हैशटैग को बैन न करने पर ट्विटर को नोटिस जारी किया है, जिसमें हिंसा फैलाने का समर्थन करने वाले 250 खातों को बंद करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई है।
मंत्रालय ने ट्विटर से 1100 से ज्यादा अकाउंट्स को हटाने के लिए भी कहा है। इन अकाउंट्स पर किसान आंदोलन को लेकर गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने का आरोप है। सरकार का आरोप है कि यह अकाउंट पाकिस्तान समर्थक या खालिस्तानी ऑपरेटर्स संचालित कर रहे हैं।
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