लखनऊ: पूरे देश के साथ उत्तर प्रदेश में 01 मई से 18 से 44 साल के लोगों का टीकाकरण शुरू होगा। यह जानकारी यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को दी। बताया कि वैक्सीनेशन यूपी के अभी सिर्फ 07 जनपदों में ही शुरू किया जाएगा जिन जनपदों में 9000 से ज्यादा सक्रिय मामलें हैं, वहां वैक्सीनेशन का कार्य शुरू किया जाएगा।प्रसाद ने बताया कि राजधानी लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ और बरेली में वैक्सीनेशन का कार्य शनिवार को शुरू किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 34,626 नये मामले आये हैं तथा 32,494 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं। बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,44,148 सैम्पल की जांच की गयी, जिसमें से 1,08,037 से अधिक आरटीपीसीआर में माध्यम से जांच की गई तथा 22,000 से अधिक निजी प्रयोगशालाओं में जांच की गई।
यूपी के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि हर जगह समय पर ऑक्सीजन पहुंचे। इसके लिए टीम-9 में एक विशेष टीम बनाई गई है, जिसका कार्य ऑक्सीजन की उपलब्धता का ध्यान रखना और ट्रांसपोर्टेशन कराना है। गुरुवार को प्रदेश में 620 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसी अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए किसी भी प्रकार के रेफरल लेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कोई भी मरीज सुविधानुसार किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हो सकता है। यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू की जाए।
उन्होंने कहा कि बेड रिक्त होने पर कोई कोविड हॉस्पिटल (निजी और सरकारी) मरीज को इनकार नहीं कर सकता। निजी अस्पताल में यदि कोई मरीज इलाज का खर्च दे पाने में असमर्थ है तो राज्य सरकार उसका भुगतान करेगी। सभी कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के बारे में आइसीसीसी के पास विधिवत जानकारी होनी चाहिए।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियाशील सीएचसी की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए. यहां प्राथमिकता के आधार पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया जाए। प्रत्येक जिले में दो सीएचसी को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है। यह कार्य तेजी से पूरा किया है। यहां सभी जरूरी चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए वित्तीय प्रबन्ध करा दिए गए हैं। सहगल ने बताया कि रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की प्रदेश में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। सभी जिलों को हर दिन रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराई जा रही है।
सरकारी अस्पतालों में यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है। जिला प्रशासन इस दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण जरूर रखें।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित करने का निर्देश दिया है ताकि लोगों को सही जानकारी दी जाए, किसे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, किसे रेमेडेसीवीर की जरूरत है और किन मरीज को ऑक्सीजन की अनिवार्यता है। अनावश्यक भय और अज्ञानता के कारण लोग इन आवश्यक चीजों के संग्रहण कर रहे हैं। इससे व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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