26.8 C
New Delhi
April 20, 2024
उत्तर प्रदेश

गोरखपुर: वनटांगिया रूपी ”अहिल्या” के ”राम” हैं योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर:वनटांगिया रूपी अहिल्या” के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ भगवान श्रीराम से कम नहीं हैं। वनटांगियों में ये श्रीराम की तरह पूजे जाते हैं। इस बात को वनटांगिया न सिर्फ महसूस करते हैं बल्कि इस रूप की बखान भी कर रहे हैं।

जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन वनटांगिया गांव में 2003 से शुरू ये प्रयास 2007 तक आते आते मूर्त रूप लेने लगे। इस गांव के रामगणेश कहते है कि वनटांगिया तो अहिल्या थे, महराज जी (योगी आदित्यनाथ) यहां ”राम” बनकर उद्धार करने आए।

योगी आदित्यनाथ

2009 से वनटांगियों संग मना रहे दीपावली

योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2009 से वनटांगिया समुदाय के साथ दीपावली मनाने की परंपरा शुरू की। इन्हें पहली बार जंगल से इतर भी जीवन के रंगों का अहसास हुआ था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी इस परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। इस दौरान बच्चों को मिठाई, कॉपी-किताब और आतिशबाजी का उपहार देकर पढ़ने को प्रेरित करते हैं। सभी बस्ती वालों को तमाम सौगात भी देते हैं।

चार दीपावली में मिट गई कसक

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बीते दीपावली में वनटांगिया समुदाय की सौ साल की कसक मिटा दी। लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर वर्ष 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाने वाले योगी ने सीएम बनने के बाद अपने कार्यकाल के पहले ही साल वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया।

राजस्व ग्राम घोषित होते ही ये वनग्राम हर उस सुविधा के हकदार हो गए, जो सामान्य नागरिक को मिलती है। इसी अधिकार से उन्होंने पहली बार पंचायत चुनाव में भागीदारी की और गांव की सरकार चुनी। सिर्फ तिकोनिया नम्बर तीन ही नहीं, उसके समेत गोरखपुर-महराजगंज के 23 वनटांगिया गांवों में कायाकल्प सा परिवर्तन दिखता है।

Also Read: दिवाली 2021: रोशनी और पवित्रता के त्यौहार दिवाली का महत्व
साढ़े चार साल में बदल गई तस्वीर

साढ़े चार साल के कार्यकाल में सीएम योगी ने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी केंद्र और आरओ वाटर मशीन जैसी सुविधाओं से आच्छादित कर दिया है।

वनटांगिया गांवो में आज सभी के पास अपना सीएम योजना का पक्का आवास, कृषि योग्य भूमि, आधारकार्ड, राशनकार्ड, रसोई गैस है। बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, पात्रों को वृद्धा, विधवा, दिव्यांग आदि पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

तिकोनिया नम्बर तीन में तो लक्ष्य के सापेक्ष हर योजना की उपलब्धि शत प्रतिशत है। करीब साढ़े चार सौ परिवारों वाले इस गांव में 380 के पास अंत्योदय कार्ड है। बाकी के पास पात्र गृहस्थी कार्ड। आवास के लिए सूचीबद्ध किए गए सभी 423 परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना की सौगात मिल चुकी है।

458 व्यक्तिगत शौचालय बने हैं। लक्ष्य के सापेक्ष सभी 600 लोगों का मनरेगा जॉब कार्ड बना दिया गया है। चिन्हित सभी पात्र लोगों को अलग अलग पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इस गांव में आंगनबाड़ी केंद्र के साथ ही सरकारी प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं।

Related posts

Hastinapur में उत्खनन से सामने आएंगे महाभारतकालीन ‘साक्ष्य’

Buland Dustak

उप्र हिन्दी संस्थान के पुरस्कारों की घोषणा, शशिभूषण को भारत-भारती सम्मान

Buland Dustak

उप्र: कोरोना काल में बढ़ा बैंकिंग कारोबार, 14 फीसदी की हुई वृद्धि

Buland Dustak

यूपी बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं 20 मई तक स्थगित

Buland Dustak

उप्र : सभी विकास खंडों में जुलाई में खुलेंगे 5 हजार नए सब हेल्थ सेंटर

Buland Dustak

यूपी में 19 सितंबर से फिर लगेगा मुख्यमंत्री आरोग्य मेला

Buland Dustak