- पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न के खिलाफ उपजा ने जिलाधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष एवं एनयूजे आई के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रतन कुमार दीक्षित के निर्देश पर उपजा की प्रयागराज, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर, फिरोजाबाद, गाजीपुर, महोबा, जालौन, आगरा, हमीरपुर, अमेठी सहित एक दर्जन से अधिक इकाइयों ने अपने-अपने जनपदों के माध्यम से पत्रकारों के दमन, उत्पीड़न, हमलों और हत्याओं के खिलाफ जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों की सुरक्षा पर चिन्ता जतायी और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सार्थक कानूनी प्राविधानों सहित पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है।
उपजा के प्रान्तीय अध्यक्ष रतन दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित ज्ञापन देकर पुनः मांग की है कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा हेतु प्रदेश के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून के प्राविधान आगामी विधानसभा सत्र में निर्माण करने का निर्णय लें।
वहीं दूसरी आज पूर्व घोषणा के अनुरूप नई दिल्ली में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी और मध्यप्रदेश में निवाड़ी में पत्रकार सुनील तिवारी की हत्या के खिलाफ प्रेस क्लब से प्रधानमंत्री कार्यालय तक मार्च निकाला।
संघटनों की तरफ से पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन के साथ ही पत्रकारों का उत्पीड़न, जबरन छंटनी, वेतन में कटौती और छोटे और मध्यम अखबारों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गयी।
विरोध मार्च में दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन, पीसीआई के सदस्य रहे मौजूद
एनयूजे आई के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में प्रेस निकाले से शुरू हुए मार्च को पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले की रोक लिया। विरोध मार्च को एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल महासचिव के पी मलिक,कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, एनयूजे की पूर्व कोषाध्यक्ष सीमा किरण ने संबोधित किया। इस अवसर पर अशोक किंकर, रणवीर सिंह, सुजान सिंह, सुभाष चंद्र, सुभाष बारोलिया, बंसी लाल, मनमोहन, ओमप्रकाश सहित दर्जनों पत्रकार शामिल थे।
प्रदर्शन के दौरान संघटनन के नेताओं ने कहा कि विक्रम जोशी और तिवारी की हत्या पुलिस में सुरक्षा मांगने के बावजूद की गई। मध्यप्रदेश के पत्रकार तिवारी ने दो महीने पहले अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। इससे पहले कानपुर में बालू माफिया का पर्दाफाश करने पर पत्रकार शुभम त्रिपाठी की हत्या कर दी गई थी।
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एनयूजे अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले, फर्जी मुकदमे और फर्जी पत्रकारों की बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाने की आवश्यकता है। प्रेस काउंसिल की ताकत बढ़ाने और इलैक्ट्रानिक मीडिया को दायरे में लाने के लिए मीडिया काउंसिल बनाने की आवश्यकता है। डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाएं।
डीजेए महासचिव के पी मलिक ने कहा कि पत्रकारों की हत्या से कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति सामने आई है। एनयूजे की वरिष्ठ नेता सीमा किरण ने कहा कि कई स्थानों पर कवरेज के दौरान भी महिला पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें बढ़ रही है। सरकार को इस ओर देने की जरूरत है।