-बच्चे एवं अभिभावक नई शिक्षानीति से प्रसन्न
प्रयागराज: प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती। ऐसा ही प्रभावशाली व्यक्तित्व नगर के महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो का है। जिन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
महर्षि पतंजलि की प्रधानाचार्या श्रीमती सुष्मिता कानूनगो ने भेंटवार्ता के दौरान नई शिक्षा नीति पर पूछे जाने पर बताया कि महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में नई शिक्षानीति आंशिक रूप से लागू किया गया है। इसके लिए बच्चों एवं अभिभावकों के साथ बराबर कार्यशाला की जा रही है। बच्चे एवं अभिभावक भी नई शिक्षानीति को लेकर काफी प्रसन्न हैं।
उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में मुख्यतः ज्ञान के साथ कौशल विकास को महत्व दिया गया है। छात्रों को ज्ञान के साथ कुशल एवं सक्षम बनाना भी हमारा दायित्व है। पाठ्यक्रम के निर्माण, विकास एवं मूल्यांकन के अंतर्गत हमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यार्थियों में सीखने की क्षमता, नवाचार एवं शोध को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने और समकालीन समाज व्यवस्था एवं वैश्विक परिवेश के अनुरूप एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करना होगा।
व्यक्तिगत क्षमता को मानवीय क्षमता में बदलने के अवसर निहित
सुष्मिता सुष्मिता कानूनगो का दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा का भविष्य बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को व्यक्तिगत क्षमता को मानवीय क्षमता में बदलने के अवसर निहित हैं। इस प्रकार वह एक प्रशासक, परामर्शदाता और विशेष शिक्षक, प्रशिक्षक के रूप में अपनी भूमिकाएं निभाती हैं। श्रीमती कानूनगो ने 18 वर्षों के अनुभव एवं शिक्षा के 27 वर्षों के अनुभव के साथ उद्यमी शिक्षाविद् के रूप में प्रतिष्ठा स्थापित की है।
श्रीमती कानूनगो ने तीन संस्थानों में प्रधानाचार्या के रूप में कार्य कर उन विद्यालयों को बुलंदियों पर पहुंचाया। जिनमें वह सीबीएसई स्कूल एमपीवीएम गंगागुरूकुलम की संस्थापक प्रिंसिपल थी। इसके उपरांत वह डीपीएस, काशी की संस्थापक प्राचार्य रहीं। वर्तमान में महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या हैं।
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श्रीमती सुष्मिता कानूनगो को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया
इसके साथ ही उन्होंने CBSE द्वारा निर्दिष्ट पाठ्यक्रम को अपनाने और विकसित करने में मदद की। उन्होंने CBSE की कई जिम्मेदारियों को निभाया। श्रीमती कानूनगो को AISSCE और AISSE 2020 के अनुचित साधनों के मामलों को निपटाने के लिए समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके अतिरिक्त सिटी कोआर्डिनेटर सीटीईटी परीक्षा 2021 के रूप में नियुक्त किया गया था।
श्रीमती सुष्मिता कानूनगो के अनुकरणीय योगदान के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। उन्हें अभी हाल में 20 अगस्त, 2021 को प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय खत्री ने भी सम्मानित किया है। इसके साथ ही सबसे बड़ी उपलब्धि 21 सितम्बर, 2021 को शिक्षण में उत्कृष्टता एवं विद्यालय नेतृत्व के लिए सीबीएसई सम्मान 2020-21 से सम्मानित किया गया।