लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 25 नवम्बर को नोएडा में जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व वरिष्ठ मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह प्रधानमंत्री के इसी कार्यक्रम के बहाने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि अब मोदी जी 25 तारीख को नोएडा अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा का शिलान्यास करने वाले हैं। अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि मुंगेरीलाल के सपने देखने वाला एक व्यक्ति अपनी कुंभकर्णी नींद से जागेगा और कहेगा कि यह तो मेरा सपना था, जो योगी ने चुरा लिया है।
मालूम हो कि सपा मुखिया व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव योगी सरकार पर कई बार सवाल खड़ा कर चुके हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने आए तब भी अखिलेश यादव समेत पूरी समाजवादी पार्टी उसे अपनी सरकार की उपलब्धि बताने में उतर पड़े थे। अब उसी बात पर योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा मुखिया पर तंज कसे हैं।
पीएम मोदी का सपना हो रहा पूरा
जेवर एयरपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी संजीदगी से लगे हैं। इस प्रोजेक्ट से जुड़े शासन के अधिकारी से मुख्यमंत्री योगी समय-समय पर फीडबैक ले रहे हैं। सरकार का मानना है कि इस परियोजना के पूरी होने के उपरान्त उत्तर प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि आम आदमी को भी हवाई सेवाएं उपलब्ध हो सकें। जेवर एयरपोर्ट का विकास उनके इस सपने को साकार करेगा। साथ ही, यह एयरपोर्ट देश तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।
यूपी में 2017 में थे चार एयरपोर्ट
प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा में क्रियाशील थे। कुल 25 गन्तव्य स्थान के लिए हवाई सेवाएं थीं। लखनऊ से 15, वाराणसी से आठ, गोरखपुर से एक, आगरा से एक हवाई सेवाओं से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आठ एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं, जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं हैं। लखनऊ से 21, वाराणसी से 20, गोरखपुर से आठ, आगरा से पांच, प्रयागराज से 11, कानपुर नगर से तीन, हिंडन से दो और बरेली से एक स्थान के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं।
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कुशीनगर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूर्ण कराया गया। यह एयरपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों हेतु उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में चार एयरपोर्ट बरेली, प्रयागराज, हिंडन, कानपुर का विकास पूर्ण कराया जा चुका है। 10 एयरपोर्ट का विकास कार्य कराया जा रहा है। इसमें आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, सोनाभद्र, अयोध्या, जेवर का विकास कराया जा रहा है।
जेवर के साथ ही यूपी में हो जाएंगे पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे
प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य को नागर विमानन के क्षेत्र में वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने व प्रदेश में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मोड पर कराए जाने का निर्णय लिया है। इस हेतु आवश्यक अनापत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं। एयरपोर्ट की स्थापना हेतु ‘भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013’ के तहत एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए आवश्यक 48.0970 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया गया है। एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन से पुनर्व्यवस्थापन का कार्य करीब-करीब पूर्ण हो गया है।
चार चरणों में एयरपोर्ट का होगा विकास
मालूम है कि एयरपोर्ट विकास के लिए ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से चयनित विकासकर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल द्वारा गठित एसपीवी यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश सरकार की कम्पनी नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ कन्सेशन एग्रीमेण्ट सात अक्टूबर 2020 को हस्ताक्षरित किया गया था। साथ ही, यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एवं राज्य सरकार के मध्य त्रिपक्षीय स्टेट सपोर्ट एग्रीमेण्ट सात मार्च 2021 को हस्ताक्षरित किया जा चुका है।
एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल के अनुसार चार चरणों में किया जाना है। वर्ष 2021-22 में इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारम्भ होकर प्रथम चरण का कार्य तीन वर्ष में पूर्ण होगा। जब यह एयरपोर्ट प्रारम्भ होगा तो 12 मिलियन पैसेन्जर से शुरू होगा जो चरणवार बढ़ कर वर्ष 2040-50 तक बढ़कर 70 मिलियन हो जायेगा। जेवर एयरपोर्ट कार्गो एयरपोर्ट भी है। वर्ष 2040-50 तक 2.6 मिलियन टन कार्गो की क्षमता का विकास होगा। इससे व्यापार और उद्योगों को एक नई दिशा मिलेगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने तथा मेट्रो रेल से जोड़े जाने की दिशा में काम हो रहा है।
एयरपोर्ट बनने से बढ़ेगा रोजगार
सरकार का दावा है कि जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा। रोजगार एवं निवेश के अवसर अवसर बढ़ेंगे। विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ हवाई यातायात सुगम होगा। इससे पर्यटन के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने की सम्भावना है। जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से कई लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा।