इंदौर : इंदौर प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की आगे आकर सहायता के लिये अनेक संवेदनशील पहल की जा रही है। इन बच्चों की सहायतार्थ योजनाओं का भी कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में उल्लेखनीय तथा प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। ऐसे बच्चों के हितार्थ क्रियान्वित प्रधानमंत्री केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में इंदौर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंदौर में इस योजना के तहत प्रदेश में सर्वाधिक प्रकरण स्वीकृत कर अव्वल स्थान प्राप्त किया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक रामनिवास बुधोलिया ने मंगलवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिये केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना पूरे देश में लागू की गई है। योजना के तहत कोरोना महामारी के चलते जिन बच्चों ने अपने माता-पिता, अभिभावकों को खो दिया उनके कल्याण, देखभाल व शिक्षा उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना प्रारंभ की गई है।
उन्होंने बताया कि इंदौर प्रदेश में उक्त योजना अन्तर्गत 28 बालक/बालिकाओं के प्रकरण कलेक्टर मनीष सिह द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। उक्त सभी 28 बालक-बालिकाओं के संयुक्त खाते पोस्ट आफिस में खोले जाने हेतु मुख्य पोस्ट ऑफिस जी.पी.ओ इंदौर में आवेदन जमा किये गये हैं। योजना अन्तर्गत पात्र बालक-बालिकाओं को 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जायेगी। योजना अन्तर्गत पात्र बालक-बालिकाओं को पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जायेगी, ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह कर सके एवं अपनी शिक्षा आदि भी हासिल कर सके।
उन्होंने बताया कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना अन्तर्गत ऐसे बालक-बालिकाएं, जिन्होंने 11 मार्च 2020 से 31 दिसम्बर 2021 के मध्य अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक या दत्तक ग्रहण माता-पिता को कोरोना से खो दिया है, वे सभी इस योजना अन्तर्गत पात्र है। योजना के तहत पात्र बालक-बालिकाओं को 23 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एक मुश्त राशि 10 लाख रुपये प्रदान किये जाएंगे। साथ ही उन्हें आयुष्मान भारत योजना अन्तर्गत 5 लाख रुपये तक का स्वाथ्य बीमा भी करवाया जायेगा।
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योजना अन्तर्गत पात्र बालक/बालिकाओं को 10 वर्ष की आयु तक नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय अथवा निजी विद्यालय में प्रवेशित कर शिक्षा का अधिकार के प्रावधानों के अनुरूप फीस केन्द्र सरकार द्वारा दी जायेगी। बच्चों को किताबे, नोट बुक, युनिफार्म आदि भी उपलब्ध करवाई जायेगी। योजना अन्तर्गत 11 से 18 वर्ष के आयु समूह में होने पर केन्द्रीय आवसीय विद्यालय जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि में प्रवेश दिलवाया जा सकता है। यदि बाल हितग्राही विस्तृत परिवार में निवासरत है तो नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय अथवा निजी विद्यालय में प्रवेशित कर शिक्षा का अधिकार के प्रावधानों के अनुरूप फीस केन्द्र सरकार द्वारा दी जायेगी।