बरेली: कहते हैं सोच अच्छी हो तो कोई भी काम चाहे कितना कठिन या बड़ा हो वो आसानी से किया जा सकता है। बरेली के डीएम नीतीश कुमार और जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार के निर्देशन में ऐसा ही काम देखने को मिल रहा है, जहां महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई बड़े प्रयास किये गए हैं। उसी का परिणाम है कि अब तक बरेली की कई हजार महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं।
जनपद में संचालित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है, जिससे महिलाओं समेत अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिलाओं को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य
डीआरडीए के परियोजना निदेशक तेजवंत सिंह ने बताया कि जनपद में क्रियान्वित की जा रही महत्वपूर्ण विकास योजनाओं में एक महत्वपूर्ण योजना रूर्बन मिशन के अन्तर्गत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों का गठन कराया गया है।
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जनपद के ग्राम उड़ला जागीर में अब तक 30 स्वयं सहायता समूह गठित किये जा चुके हैं।
समूहों की महिलाओं स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने हेतु महिलाओं को ट्रेनिंग उनके गांव में ही दिलाई गई तथा महिलाओं द्वारा स्कूल ड्रेस की सिलाई, स्वेटर, आपूर्ति, डेयरी, बकरी पालन, जरी जरदोजी, सेल्यूलोज पेपर बैंग आदि अनेकों तरह की जीविकोपार्जन के काम किये जा रहे हैं।
समूहों की महिलायें अब बहुत आत्मविश्वास के साथ नये आयाम हासिल कर रही हैं तथा विकास कार्यों में बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता से उत्साहित हैं और आत्मसम्मान के साथ आर्थिक रूप से महिलाएं अपना जीवन का यापन कर रही हैं।
रूर्बन मिशन योजना के अंतर्गत हुए ये कार्य
रूर्बन मिशन योजना से किए गए विकास का एक और उदाहरण विकास खण्ड बिथरीचैनपुर की ग्राम पंचायत परसौना है, जिसके लिए चार लाख धनराशि से ग्राम पंचायत में मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण कराने के लिए निर्गत किए गए।
ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग ने इस धनराशि से वहां पर एक सुंदर आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण कराया। इस आंगनबाड़ी केंद्र में फ्लोर, टाइल्स, पंखे, छत और शौचालय को बेहतरीन ढंग से बनवाया गया। क्षेत्रीय ग्राम वासियों एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के निर्माण से वहां के बच्चे तनाव व भय मुक्त होकर साफ सुथरे भवन में अच्छे वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
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एक और उदाहरण परसौना का ही है जहां रूर्बन मिशन योजना के अंतर्गत पर क्लस्टर चयनित होने के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिये तीन लाख की धनराधि स्वीकृत हुई और ग्राम पंचायत में बस स्टाप का निर्माण स्टेट कन्स्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमैन्ट कॉरपोरेशन से कराया गया।
निर्माण के बाद स्थानीय ग्राम वासियों के विकास का स्वप्न साकार हुआ तथा हर्षोल्लासित ग्राम वासियों ने बताया कि अब ग्रामीणों को आवागममन के लिए खुले आसमान के नीचे वाहन का इन्तजार नहीं करना पड़ता है। धूप और बारिश में भी बस आदि की प्रतीक्षा करने में पूर्व की तरह कठिनाई नहीं होती है।