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January 17, 2025
मध्य प्रदेश

राग मधुवंती में संतूर से झरे मीठे-मीठे सुर : तानसेन समारोह

ग्वालियर: भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” का ग्वालियर के हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि के समीप शनिवार की सांध्यबेला में भव्य एवं गरिमामय समारोह में भव्य शुभारम्भ हुआ। इसके बाद यहां समारोह की पहली संगीत सभा के प्रथम कलाकार के रूप में तानसेन सम्मान से अलंकृत विश्व विख्यात संतूर वादक पं सतीश व्यास ने संतूर वादन प्रस्तुत किया। उनके संतूर वादन से झर रहे मीठे-मीठे सुरों से संगीत रसिक सराबोर हो गए।

तानसेन समारोह

पं शिवकुमार शर्मा के सुयोग्य शिष्य पं सतीश जी ने अपने संतूर वादन की शुरूआत राग मधुवंती से की। उन्होंने पहली विलंबित रचना झपताल में पेश की और इसके बाद मध्य लय तीन ताल और द्रुत तीन ताल में संतूर वादन किया। सुंदर और मधुर आलापचारी जोड़ झाला की प्रस्तुति के बाद उन्होंने विलंबित गत ताल पेश कर समा बांध दिया। सुमधुर संतूर वादन को सुनकर रसिक वाह-वाह कहने को मजबूर हो गए। उनके वादन में रागों की अद्भुत और गहरी समझ, लय पर अद्भुत नियंत्रण एवं स्वर संयोजन व भाव प्राकट्य सुनते ही बन रहे थे।

उनके सितार वादन की अलहदा शैली में “तंत्रकारी अंग” और “गायकी अंग” का अद्भुत संमिश्रण सुनने को मिला। पंड़ित सतीश व्यास ने विश्व विख्यात संतूर वादक पं. शिवकुमार शर्मा से भी शिक्षा प्राप्त की है। उनके वादन में गुरू की छाप स्पष्ट झलक रही थी। पं व्यास जी के साथ तबले पर सुविख्यात तबला वादक श्री मुकुन्दराज देव ने नफासत भरी जुगलबंदी की।

तानसेन माधव संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन से हुई पहली सभा की शुरुआत

Tansen-samaroh-music
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इस साल के तानसेन समारोह की पहली संगीत सभा का आगाज शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के विद्यार्थियों व आचार्यों द्वारा प्रस्तुत ध्रुपद गायन से हुआ। वीणा जोशी के निर्देशन प्रशस्ति “ध्रुव कंठ स्वरोदगार” के साथ गायन की शुरूआत की। यह प्रशस्ति राग माला अर्थात चार रागों धनश्री, गौरी, यमन व खमाज में गाई। इसके बाद राग परदीप एवं ताल चौताल में निबद्ध ध्रुपद रचना की प्रस्तुति हुई। ध्रुपद गायन में पखावज पर जगत नारायण शर्मा ने संगत की।

“तानसेन समारोह” में रविवार को इनकी प्रस्तुति

27 दिसम्बर 2020 द्वितीय सभा (प्रात: 10 बजे)

शंकर गंधर्व संगीत महाविद्यालय – ध्रुपद गायन
अभय रूस्तम सोपोरी – संतूर वादन
मो. अमान खाँ – गायन
अब्दुल मजीद खाँ एवं अब्दुल हमीद खाँ – सारंगी जुगलबंदी
देवानंद यादव – ध्रुपद गायन

27 दिसम्बर 2020 तृतीय सभा (अपरान्ह 4 बजे)

भारतीय संगीत महाविद्यालय – ध्रुपद गायन
डेनियल रावि रैंजेल मैक्सिको – विश्व संगीत
विवेक कर्महे – गायन
पुष्पराज कोष्टि एवं भूषण कोष्टि – सुरबहार जुगलबंदी
धनंजय जोशी – गायन

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