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November 21, 2024
मध्य प्रदेश

‘Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana’ बदलेगा हर गरीब का जीवन

Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana: ‘एकात्म मानववाद‘ के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय जब इस दर्शन को भाषण के रूप में जगह-जगह उद्बोधित कर रहे थे, तब उनके मष्तिष्क से भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत एवं परम्परा निस्सारित हो रही थी, जोकि उन्होंने अपने अनुभव एवं अध्ययन के आधार पर सिंचित की थी।

Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana

इसका निष्कर्ष यही है कि एकात्म मानववाद एक ऐसी धारणा है जिसके केंद्र में व्यक्ति, व्यक्ति से जुड़ा हुआ एक परिवार, परिवार से जुड़ा हुआ एक समाज, जाति, फिर राष्ट्र, विश्व और अंत में अनंत ब्रम्हांड को अपने में समाविष्ट करना है।

इस तरह से एक घटक से दूसरे फिर तीसरे का विकास होता जाता है। इसमें सभी एक-दूसरे से जुड़कर अपना अस्तित्व साधते हुए परस्पर पूरक एवं स्वाभाविक सहयोगी हैं। वास्तव में इस ”एकात्म मानववाद” का कुल मूल यही है कि अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा में लाना।
इस दृष्टि से सोचें तो केंद्र में मोदी सरकार तो राज्य स्तर पर मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार इसी एकात्म मानव दर्शन को अपनी योजनाओं के माध्यम से हकीकत में जमीन पर उतारने में लगी है।

Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana में चल रहे ये अहम 16 कार्यक्रम

दरअसल कुछ ऐसी समुचित योजना है जिसमें हर गरीब की उसके लिए गरीबी से मुक्ति के द्वार खोलना है। बता दें कि दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम वर्ष 1991 से प्रचलित है। कार्यक्रम के तहत योजनाओं की समीक्षा की जाती रही है।

कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान परिस्थितियों अनुसार नवीन योजनाओं को भी अधिसूचित किया जाना है। ऐसे में कहा जा सकता है कि वर्तमान में Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana के तहत 16 कार्यक्रम संचालित हैं, उनमें एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में रोजगारमूलक कार्यक्रम।

भूमिहीन, सीमांत और लघु कृषकों के लिए पशुपालन कार्यक्रम का ग्रामोद्योग के रूप में विकास। आदिवासी, अनुसूचित जाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को रोजगार हासिल कराने के लिए सामाजिक वानिकी और बिगड़े वनों के सुधार का कार्यक्रम। अतिक्रमित वन भूमि का नियमानुसार व्यवस्थापन और समग्र विकास।

कुटीर उद्योगों और ग्रामोद्योगों का विकास। झुग्गी-झोपड़ी वासियों तथा ग्रामीण क्षेत्र में आवासहीन लोगों को सस्ती दरों पर भूखण्ड अथवा आवास उपलब्ध कराने का कार्यक्रम सम्मिलित हैं।

योजना का उद्देश्य है शासकीय योजनाओं का लाभ देकर हर गरीब को आगे लाना

इसी तरह से इसमें निराश्रितों की पेंशन के लिए कार्यक्रम। आदिवासी, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष कल्याण कार्यक्रम। निरक्षरता निवारण कार्यक्रम तथा 6 से 14 वर्ष आयु समूह के बच्चों के लिए अनिवार्य और नि:शुल्क प्राथमिक शिक्षा के कार्यक्रम। प्रत्येक ग्राम में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्यक्रम।

DeenDayal-Antyodaya-Yojana

प्रत्येक ग्राम में बिजली पहुँचाने का कार्यक्रम। जीवनधारा कार्यक्रम। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम। महिला-बाल विकास कार्यक्रम। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच मार्गों के निर्माण का कार्यक्रम प्रमुखता से लिए गए हैं। योजना का उद्देश्य है शासकीय योजनाओं का लाभ देकर हर गरीब को आगे लाना।

इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रदेश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाकर आगे लाने के उद्देश्य से प्रदेश में ‘Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana’ शुरू किया गया था। वर्तमान परस्थितियों के अनुरूप इसमें आवश्यक सुधार किए जाने के साथ ही इसका प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।

राज्य, जिला, नगर, विकासखंड तथा ग्राम स्तरीय समितियों का होगा पुनर्गठन

शासन की विभिन्न योजनाओं का मैदानी स्तर तक जनता को समुचित और समय पर लाभ मिल जाए, इसके लिए आवश्यक है कि Deen Dayal Upadhyaya Antyodaya Yojana स्थानीय समितियाँ उनके क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभाएँ तथा उनका लाभ जनता को दिलाने के लिए सहयोग करें।

चौहान का कहते हैं कि दीनदयाल समितियों का मुख्य उद्देश्य है शासन की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का जनता को समय से और ठीक ढंग से लाभ मिल जाए तथा यदि उसमें कोई दिक्कत आ रही है अथवा गड़बड़ी हो रही है, तो उसकी सूचना ऊपर देना।

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राज्य, जिला, नगर, विकासखंड तथा ग्राम स्तरीय समितियों का होगा पुनर्गठन। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज का यह भी कहना है कि प्रदेश में दीनदयाल समितियों का पुनर्गठन किया जाना है। ये समितियाँ राज्य, जिला, नगर, विकासखंड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर होंगी। राज्य स्तरीय समिति में प्रत्येक जिले का एक प्रतिनिधि होगा।

जिला स्तरीय समिति प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित होगी। नगर स्तरीय समिति में प्रत्येक वार्ड से एक प्रतिनिधि होगा। दीनदयाल समितियाँ योजनाओं का प्रचार-प्रसार, हितग्राही चयन, हटाने की अनुशंसा, योजना का लाभ दिलाने में हितग्राही की मदद, योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग करना तथा सामाजिक अंकेक्षण आदि का कार्य करेंगी।

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