कोलकाता: पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बंगाल की विभूतियों को लेकर राजनीतिक दलों का प्रेम उमड़ रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी की इस बार 125वीं जयंती को लेकर सोमवार को विशेष घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने बंगाल प्लानिंग कमीशन और जय हिंद वाहिनी बनाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 23 जनवरी को कोलकाता आ रहे हैं। ममता ने मांग की कि केंद्र सरकार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह
ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय नबान्न में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह के आयोजन को लेकर वर्चुअल बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने प्लानिंग कमीशन बंद कर दिया है, लेकिन अब बंगाल सरकार ‘बंगाल प्लानिंग कमीशन’ का गठन करेगी।
इसके साथ ही ‘एनसीसी’ की तरह बंगाल सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श को ध्यान में रख कर ‘जय हिंद वाहिनी‘ का गठन करेगी। यह राज्य के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एनसीसी की तरह काम करेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के राजारहाट में स्मारक बनाने का निर्णय किया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करे केन्द्र सरकार: ममता बनर्जी
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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल ने पहले ही नेताजी की जयंती को लेकर कमेटी बनाई है, लेकिन केंद्र सरकार कब इसे लेकर कमेटी बनाएगी, इस बारे में जानकारी नहीं है। नेताजी का मूल्यांकन स्वाधीन भारत वर्ष से लेकर आजतक नहीं कर पाए हैं। यह बहुत ही दुख की बात है।
राज्य सरकार ने नेताजी जयंती पर अवकाश घोषित किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से नेताजी से जुड़े तथ्यों को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने बताया कि 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर सायरन बजेगा और 12 बजे जुलूस निकलेगा। यह जुलूस श्याम बाजार पांच माथा मोड़ से मेयो रोड तक नेताजी की मूर्ति तक जायेगा। इसी तरह का जुलूस प्रत्येक ब्लॉक में निकला जायेगा।
जुलूस पुलिस का बैंड रहेगा। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर टैबलो रहेगा तथा 15 अगस्त को परेड नेताजी के नाम पर समर्पित रहेगा। इसके साथ ही शार्ट फिल्म बनेगी। बैठक में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी, प्रोफेसर सुगत बोस, शुभा प्रसन्ना, रूद्र प्रसाद, शीर्षेंदु मुखोपाध्याय सहित विशिष्ट लोग उपस्थित थे।