वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में जंगल की कटाई और तस्करी को रोकने के लिए वन विभाग ने अपने जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए कर्नाटक में तस्कर वीरप्पन को मारनेवाली स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारी सुरेश एंबुस को बुलाया है।
वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के नवनियुक्त वन संरक्षक डॉक्टर नेसमानी के अनुसार सुरेश जे. कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन के खात्मे के लिए गठित एसटीएफ टीम के हिस्सा थे, वो करीब तीन महीना तक जंगल में रहकर कारवाई की थी। इसलिए उन्हें तस्करों से निपटने का अच्छा अनुभव है।

उन्होंने बताया है कि सुरेश जे. चौथी बार वाल्मीकि नगर आये हैं। इससे पूर्व में वो 60-60 वनकर्मियों की तीन टोलियों को प्रशिक्षित कर चुके हैं।उन्होंने बताया कि वनकर्मियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा रहा है। कम संसाधन में तस्करी से निपटने के गुर सिखाए जा रहें हैं।
सुरेश जे. जंगल पेट्रोलिंग, मुठभेड़ के दौरान तस्करों से निपटने के तरीके व वन्यजीवों से तालमेल के तौर-तरीके सीखा रहें हैं। इसके अलावा एंबुस कैटवॉक पेट्रोलिंग की बारीकी से भी वनकर्मियों को अवगत करा रहे हैं। तस्करों पर घात लगाने के तरीके, कोई हथियार नहीं हो तो कैसे सुरक्षा करें, आदि तरीकों का वो ट्रेनिंग दे रहें हैं।
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उल्लेखनीय है कि बिहार के इकलौता वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में वन्य जीवों और संपदाओं की सुरक्षा के लिए करीब 600 वनकर्मियों को लगाया गया है।यहाँ वर्षों से लकड़ी तस्करी का मामला उजागर होता रहा है। वनकर्मियों के तरफ से छापेमारी होती रही है। इधर कुछ महीना तस्करी मेंअप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिसमें 60 से अधिक मामला सामने उभरकर आया है।